ज़िन्दगीनामा

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डॉ. मेजर अनुराधा

वे बचपन से ही फ़ौज में जाने को इच्छुक थीं और उस समय लड़कियों के लिए फ़ौज में जाने का एकमात्र रास्ता चिकित्सा क्षेत्र ही हुआ करता था।

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रचना ढींगरा

पढ़ाई के दौरान ही रचना ‘एसोसिएशन फॉर इंडिया डेवलपमेंट एन ऑर्बर’ नामक एक समूह से जुड़ गई। यह संस्था अमेरिका में बसे भारतीयों की है।...

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अजायबघरों में शिक्षा के दीपक जला रही हैं शिबानी घोष

शिबानी भोपाल में गरीब बस्तियों के लिए एक ऐसा अनोखा स्कूल चला रही हैं, जिसकी कक्षाएं स्कूल में नहीं, बल्कि संग्रहालय में लगती हैं।

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गुलाबवती : पढ़ाई की लगन में घर छोड़ा और प्रेरणा का स्रोत बन गई

गुलाबवती बैगा एक ऐसी लड़की की कहानी है जो बिना खिले ही मुरझा जाती अगर दो प्रेरक व्यक्तित्व उचित समय पर हस्तक्षेप न करते। ये दो व्...

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जयवंती हक्सर : कॉलेज के लिए संपत्ति दान कर दी और माँ कहलाईं

श्रीमती हक्सर एक आदर्श भारतीय महिला थीं। उन्होंने अपने जीवन काल में ही पौने दो लाख वर्ग फीट से भी अधिक भूमि – जिसमें उनका बंगला, ब...

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यमुना ताई शेवड़े

वर्ष 1922 में जब बेटियों को स्कूल भेजना इस इलाके में तकरीबन असामाजिक कर्म माना जाता था यमुना ताई ने सागर में महिला विद्यालय खोल दि...