छतरपुर जिले में महिलाओं को न केवल बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने में बल्कि उनकी हर परेशानी में साथ खड़े रहकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने म...
आज़ादी के पहले स्त्री शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय थी। बहुत कम लड़कियां प्रारंभिक शिक्षा भी ले पातीं थी। ऐसे में चंद्रप्रभा जी का उच...
कस्तूरबा ग्राम न्यास को अपना जीवन अर्पित कर चुकीं पुष्पा सिन्हा का जन्म अपने ननिहाल जबलपुर में 6 जुलाई 1942 को हुआ।
मोनिका भारत की एकमात्र ऐसी महिला हैं, जो इस विकलांगता से ग्रस्त बच्चों और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए काम कर रही हैं।
माया बोहरा लोगों के मन: स्थिति समझकर न केवल उन्हें जीवन की दिशा बता रही हैं, बल्कि अपने आप से हताश-निराश हो चुके लोगों के मन में...
वे बचपन से ही फ़ौज में जाने को इच्छुक थीं और उस समय लड़कियों के लिए फ़ौज में जाने का एकमात्र रास्ता चिकित्सा क्षेत्र ही हुआ करता था।