सच कहने का साहस, जीवन के प्रति असीम उत्साह ,नेकी की सीधी सरल राह ,ममतामय विशाल हृदय ,स्त्री विमर्श और जन सरोकारों से गहरा जुड़ाव –...
सुमित्राजी का जन्म 12 अप्रैल,1943 को महाराष्ट्र के चिपलूण (रत्नागिरि) कस्बे में हुआ। पिता पुरुषोत्तम नीलकंठ साठे और माता ऊषा के सं...
सन् 1956 में वे शिमला की डिप्टी कमिश्नर बनाई गईं। देश में यह दायित्व संभालने वाली वे पहली महिला अधिकारी थीं। इसी तरह सन् 1962 में...
हिन्दी पत्रकारिता में पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ने वाली हेमंतकुमारी देवी पिता के साथ सभाओं में जाया करती थीं और सार्वजनिक गत...
आदिवासी समाज के स्थायी विकास और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जमुना देवी का संघर्ष सराहनीय रहा है। समय को लांघकर सोचने व...
महज ढाई फीट की पूनम ने हालात से समझौता करने के बजाय अपनी कमज़ोरी को ही अपनी ताक़त बनाया और एक संस्था खड़ी कर अपने जैसे लोगों की जिंदग...