वीणा जी के बनाए चित्रों की अब देश के कला जगत में एक अलग ही पहचान है। उनके अनेक चित्रों में रंगों की एक समानता के बावजूद उनकी विविध...
प्रक्षाली अपने बचपन में कुछ इस तरह की घटनाओं की गवाह भी बनीं जिसकी वजह से उनमें समाज के प्रति संवेदनशील विचारधारा का विकास हुआ।
नीलांजना को रिदम और लय जैसे किसी वरदान के रूप में मिले, हालांकि शुरुआत में उनका रुझान नृत्य की तरफ ज़्यादा था और वे गायन से कहीं बे...
मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (मैनिट) भोपाल के रसायनशास्त्र की प्रोफ़ेसर डॉ. सविता दीक्षित पर्यावरण की समस्या से निपट...
सुमित्रा मुखर्जी संभवत: एकमात्र भारतीय महिला हैं, जिन्होंने गणित पढ़ाने से लेकर ऐसी किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था में ऊंचे ओहदे तक पहु...
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से शिफाली का पहला परिचय 98-99 में हुआ। उस समय भोपाल और उसके आसपास सी टीवी की धूम थी। यहाँ वे एंकरिंग के साथ रि...