न्यायालय ने कहा कि भरण-पोषण निर्धारित करने के लिए प्राथमिक परीक्षण यह है कि क्या पत्नी उसी जीवन स्तर पर अपना भरण-पोषण कर सकती है,...
हाईकोर्ट कहा- लिव-इन रिलेशनशिप को सामाजिक मान्यता नहीं है, लेकिन कानून की नजर में यह अवैध नहीं है।
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि दो हिंदुओं के बीच विवाह पवित्र है और इसका भंग केवल कानून में मान्यता प्राप्त कारणों से ही होगा।
इंस्पेक्टर पर दुष्कर्म के आरोप गलत, अब इन धाराओं में चलेगा केस
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक ऑनलाइन शिकायत प्रणाली बनाने पर विचार करने को कहा है जिससे यौन उत्पीड...
कोर्ट ने कहा - शादी करने के प्रस्ताव से नहीं बदला जा सकता अपराध, कानून समझौता करने की अनुमति नहीं देता