राज्यपाल पद तक पहुँचने वाली प्रदेश की पहली महिला प्रभा राउ

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राज्यपाल पद तक पहुँचने वाली प्रदेश की पहली महिला प्रभा राउ

छाया :द हिंदू

अपने क्षेत्र की पहली महिला

•    छात्र जीवन में थीं एथलीट 

•    इंदिराजी की जान बचाने के लिए नहीं की अपने जान की परवाह 

•    व्यस्तता के बावजूद खुद करवाती थीं अपनी बच्चियों का होमवर्क

श्रीमती प्रभा राउ  (prabha-rau) का जन्म 4 मार्च, 1935 को मध्य प्रदेश के खण्डवा जिले में हुआ। उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा की उपाधि प्राप्त की। अपने छात्र जीवन में वे बहुत अच्छी एथलीट थीं। उनके पिता श्री गुलाबराव बसु (Gulabrao Basu) गांधी जी के अनुयायी थे। वे ग्लासगो विश्वविद्यालय की इंजीनियरिंग की डिग्री त्याग कर महात्मा गांधी के असहयोग आन्दोलन (asahyog andolan) में शामिल हो गए थे। पेशे से चिकित्सक उनकी माँ ने अपना अस्पताल कस्तूरबा गांधी ट्रस्ट (Kasturba Gandhi Trust) को समर्पित कर दिया था। ऐसे पारिवारिक वातावरण में परवरिश के कारण समाज सेवा की भावना और राजनैतिक समझ उनमें स्वाभाविक रूप से विकसित हुई। वह सहजतापूर्वक हर चुनौती का सामना करती थी । वह इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की भरोसेमंद साथियों में से एक मानी जाती थीं। उनके दौरे में प्रायः वह साथ हुआ करती थीं। एक बार मदुरै के दौरे पर विरोधी पक्ष ने इंदिराजी पर लाठी और डंडों से हमला कर दिया। उस वक्त प्रभाजी और निर्मला देशपांडे उनकी जान बचाने के लिए उनके ऊपर लेट गयीं थीं।

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व्यस्त राजनीतिक गतिविधियों के बावजूद अपने व्यक्तिगत जीवन में वह आदर्श पत्नी और माँ की भूमिका निभाती रहीं। इनकी दो बेटियाँ हैं, जिनकी पढ़ाई के लिए वह महाराष्ट्र के देवली तहसील में स्थित कोल्हापुर गाँव से मुंबई  रहने आ गयीं। दोनों बच्चियों का वहीँ दाखिला करवाया गया। व्यस्तता के बावजूद वह उनका गृह कार्य खुद करवाती थी।  शाम को समय नहीं मिलता सुबह बच्चों से गृहकार्य करवाती थीं।

उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1962 में वर्धा जिला परिषद व पंचायत समिति की सदस्या के रूप में हुई।वह वर्धा जिला मध्यवर्ती बैंक और भू विकास बैंक की संचालिका भी रहीं। 1962 में वह भू विकास बैंक की संचालिका बन गईं।

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 वर्ष 1972 में पहली बार महाराष्ट्र विधान सभा की सदस्य (Member of Maharashtra Legislative Assembly) निर्वाचित हुईं। सन् 1972 से 1989 तथा 1995 से 1999 तक वह छह बार विधायक निर्वाचित हुईं।  आप वर्ष 1972 से 1976 तक महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री रहीं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में केबिनेट मंत्री के रूप में वर्ष 1976-77 में शिक्षा, खेल एवं युवा मामलात विभाग तथा 1978 में पर्यटन एवं सहकारिता विभाग के दायित्वों का निर्वहन किया। वर्ष 1979 में वह महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष की नेता रहीं। वर्ष 1984 से 1989 तक राजस्व एवं सांस्कृतिक मामलात विभाग की मंत्री रहीं.  वर्ष 1999 में  वह 13वीं लोक सभा की सांसद निर्वाचित हुईं। वह 19 जुलाई, 2008 से 24 जनवरी, 2010 तक हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल रहीं। इस दौरान उनके  पास दिनांक 3 दिसम्बर, 2009 से 24 जनवरी, 2010 तक राजस्थान के राज्यपाल का (Governor of Rajasthan) अतिरिक्त प्रभार भी रहा। श्रीमती प्रभा राउ  ने 25 जनवरी, 2010 को राजस्थान के राज्यपाल के रूप में पूर्णकालिक  पदभार ग्रहण किया।

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उन्होंने वर्ष 1984 से 1989 तथा 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस (आई) के अध्यक्ष पद को संभाला ।इसके अलावा वह सदस्य, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य, केन्द्रीय चुनाव समिति महासचिव, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदों पर भी शोभायमान रहीं। वह  भूमि विकास बैंक, महाराष्ट्र की अध्यक्ष तथा राज्य सहकारी बैंक की निदेशक भी रहीं।  दिनांक 26 अप्रैल, 2010 को दिल्ली स्थिति जोधपुर हाउस में दिल के दौरे से प्रभा जी का असामयिक निधन हो गया।

संपादन – मीडियाटिक डेस्क

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