पुरुष प्रधान समाज की रुढ़िवादी सोच ने उन्हें मंच पर गायन करने से कई बार रोका, लेकिन उन्होंने हर बार अपने लिए परिवार और समाज से लड...
नीना जी जब उपशास्त्रीय संगीत में उत्तर प्रदेश की उपशास्त्रीय शैलियां झूला कजरी, बारहमासा, चैती इत्यादि गाती हैं तो श्रोता भाव विभो...
घुटनों की चोट के चलते ओलम्पिक नहीं खेल पायीं फातिमा का सपना भविष्य में ऐसे खिलाड़ी तैयार करना है, जो उनके लिए ओलम्पिक खेले और पदक ह...
सितार और संतूर की जुगलबंदी के खूबसूरत नमूने पेश करने वाली प्रकृति और संस्कृति मंच पर एक-दूसरे का भरपूर साथ देतीं हैं। वे कभी भी अप...
माधुरी जी ने करीब 50 लोगों को काउंसलिंग कर उनके घर वापिस भी पहुंचाया है।
पूर्णिमा हारमोनियम, तबला, कांगो, बांगो, ढोलक, माउथ ऑर्गन सहित 18 से 20 तरह के वाद्य बजा लेती हैं।