सुरुचिपूर्ण पहनावा, बड़ी-बड़ी आंखें, माथे पर बड़ी गोल लाल रंग की बिंदी, शालीन चेहरा और वक्तृत्व कला में निपुण सुषमाजी गृहस्थी और र...
जिस दौर में शिप्रा शर्मा न्यायिक सेवा में पहुंची उस समय इक्का दुक्का महिलाएं ही इस क्षेत्र में सक्रिय थीं। 31 साल और 8 महीने के से...
सीपीआई की कर्मठ कार्यकर्ता इंदु मेहता ने अपनी किशोरावस्था और जवानी में ही अंग्रेजों की गुलामी से आज़ादी का ख़्वाब अपनी आँखों में सजा...
नाजनीन हमीद, जिन्होंने खेल की शुरुआत दौड़ और ऊंची कूद से की लेकिन वे राष्ट्रीय चैम्पियन बनी वॉलीबॉल की।
अब तक बांग्ला और हिंदी के कई प्रतिष्ठित रचनाकारों के ग्रंथों का मीता जी अनुवाद कर चुकी हैं और यह सफ़र आज भी जारी हैं।
शिल्पी ने एक लीक से हटकर कहानी पर काम करना शुरू कर दिया जो ‘ख़ानदानी शफ़ाख़ाना’ के नाम से सामने आई।