मध्यप्रदेश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन

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मध्यप्रदेश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन

छाया : द स्टेट्समैन

 

 

अपने क्षेत्र की पहली महिला

· एक ही क्षेत्र से निरंतर चुनी गई सात बार

· मध्यप्रदेश में संचार क्रांति लेकर आई

एक ही क्षेत्र से लगातार आठ बार लोकसभा का चुनाव जीतने वाली देश की चुनिंदा सांसदों में से एक सुमित्रा महाजन  लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of Lok Sabha) पद पर आसीन होने वाली देश की दूसरी एवं मध्यप्रदेश की पहली महिला हैं।

सुमित्राजी का जन्म 12 अप्रैल,1943 को महाराष्ट्र के चिपलूण (रत्नागिरि) कस्बे में हुआ। पिता पुरुषोत्तम नीलकंठ साठे और माता ऊषा के संस्कार में पली-बढ़ी अध्ययनशील एवं प्रखर वक्ता समित्रा महाजन अपनी किशोरावस्था से ही धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में रुचि रखती थीं। उनका विवाह 29 जनवरी, 1965 को इंदौर के महाजन परिवार में अभिभाषक जयंत बामन महाजन के साथ हुआ। विवाहोपरांत उन्होंने दो पुत्र को जन्म दिया। बच्चों की परवरिश के साथ-साथ उन्होंने इंदौर में ही सहकारिता क्षेत्र में काम शुरू किया। एम.ए., एल.एल.बी. तक शिक्षा ग्रहण करने वाली श्रीमती महाजन सन् 1983 में इंदौर की अग्रणी सहकारी बैंक महाराष्ट्र ब्राम्हण सहकारी बैंक में संचालक चुनी गईं और सन् 1986 तक इस पद पर रहते हुए उन्होंने  बैंक के उत्थान एवं सहकार के लिए उत्कृष्ट कार्य किये। सन् 1986 से 1989 तक इंदौर की प्रमुख सहकारी बैंक इंदौर परस्पर सहकारी बैंक लि. में संचालक पद पर रहीं।

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उनकी कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें सन् 1982 में पार्षद के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। यहां वे निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्ष तथा उप महापौर (vice Mayor) भी रहीं। सन् 1985 में वे भाजपा के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव (assembly elections) लड़ीं और हार गयीं। इसके बाद लगातार अगले दो विधानसभा चुनावों में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।  सन् 1989 में भाजपा ने इंदौर से संसद में प्रतिनिधित्व के लिए श्रीमती महाजन का चयन किया। इस चुनाव में वे तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रकाशचंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi) को एक लाख से भी अधिक मतों से पराजित कर लोकसभा पहुंची। सन् 1989 के बाद लगातार सन् 1991,1996,1998,1999,2004,2009, 2014 तक वह लोकसभा में इंदौर का प्रतिनिधित्व करती रहीं । इस तरह वह ऐसी पहली महिला बन गईं जो कभी लोकसभा चुनाव में पराजित नहीं हुई। उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर पहली बार सन् 1999 में प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री (Minister of State in the Ministry of Human Resource Development) बनाया। वे महिला एवं बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री भी रहीं। महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से देश की अग्रणी एवं आदर्श महिलाओं के नाम पांच स्त्री शक्ति पुरस्कार उन्होंने स्थापित किये।

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जून 2000 में न्यूयार्क, अमेरिका एवं बीजिंग में महिलाओं के संबंध में आयोजित 5 बैठकों में उन्होंने भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा अमेरिका में सितम्बर 2000 में माले में आयोजित बैठक में भी उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया।

श्रीमती महाजन ने 1 जुलाई, 2002 को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्यमंत्री Minister of State in the Ministry of Communications and Information Technology() का कार्यभार संभाला। मोरक्को में हुए आईटी यू सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का उन्होंने नेतृत्व किया और फ्रांस, हांगकांग आदि देशों के साथ दूरसंचार समझौते किये। उन्होंने ही मध्यप्रदेश में मोबाईल सेवा का आगाज़ करते हुए प्रदेश को महत्वपूर्ण योजनाओं तथा संचार क्रांति से जोड़ा ।

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25 मई, 2003 से श्रीमती महाजन भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्यमंत्री का दायित्व स्वीकार कर प्रथम महिला पेट्रोलियम मंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया। मध्यप्रदेश मे बीना रिफायनरी (Bina Refinery) के स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। शहर को पाईपलाईन से गैस उपलब्ध कराने के लिए उनकी अहम भूमिका रही है। वर्ष 2004 से 2009 तक 14वीं लोकसभा में इंदौर का प्रतिनिधित्व करते हुए कई रेल सुविधाओं से इंदौर की जनता को लाभान्वित किया। इसके अलावा इंदौर एयरपोर्ट विस्तार एवं उसके अन्तराष्ट्र्रीय स्तर पर निर्मित करने में प्रमुख भूमिका निभाईं। इसके साथ ही इंदौर से हज यात्रा के लिए अंतर्राष्ट्रीयउड़ान की सौगात उन्हीं के प्रयासों से संभव हो सकी।

एक ही क्षेत्र से लगातार आठ बार लोकसभा का चुनाव जीतने वाली वे देश की चुनिंदा सांसदों में से एक हैं। अपने   कार्यकाल में उन्होंने इंदौर के विकास में काफी योगदान दिया। सुमित्रा महाजन लोकसभा की विभिन्न समितियों में सदस्य भी रहीं। 14वीं लोकसभा की स्थायी समिति-सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, की सभापति का दायित्व उन्होंने लगातार 5 वर्षों तक निभाया। इस दौरान देश के सुदूर अंचलों में रह रहे अनुसूचित जाति तथा जनजाति के व्यक्तियों के जीवन स्तर एवं उनके उत्थान के लिए उन्होंने अनेक कार्य किये। संंगठन में वे प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय प्रभारी, राष्ठ्रीय सचिव एवं केंद्र में मंत्री बनाये जाने तक भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव के साथ-साथ गुजरात राज्य की प्रभारी रहीं।

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भाजपा संगठन के अलावा सुमित्रा महाजन इंदौर के अनेक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों में भी सक्रिय हैं। अहिल्योत्सव समिति और जागतिक मराठी परिषद् में रहते हुए उन्होंने संगीत एवं मराठी साहित्य के प्रोत्साहन में काफी रुचि दिखाई।

 संदर्भ स्रोत – मध्यप्रदेश महिला संदर्भ

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