उस दौर में जब समाज में इतना खुलापन नहीं था और लड़कियों के लिए गृहस्थी ही श्रेयस्कर मानी जाती थी, आशा गोपाल ने पुलिस की कठिन और अनग...
श्रीमती मेहरुन्निसा परवेज मानवीय संवेदनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती हैं। उनकी रचनाओं में महिलाओं और आदिवासियों की दय...
मन्नू भण्डारी हिन्दी की सुविख्यात बहुपठित अत्यंत महत्वपूर्ण और बहुत सारी भाषाओं की रचनाकार थीं। जीवन जीने, उसे संभालने और संजोने क...
पद्मा पटरथ का जन्म जबलपुर, मध्य प्रदेश में 7 मार्च 1923 को बंगाली (बनर्जी) परिवार में हुआ था।
उनके बचपन का नाम रानी था। बड़े भाई भगवती ने उनका नाम क्रांति रखा , क्योंकि उस समय चारों ओर क्रांति का वातावरण था।
ज़िंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव से हार मानने की जगह जब व्यक्ति उससे लड़ता है और एक नई परिभाषा लिखता है,