जोधपुर। वैवाहिक विवाद में पति की ओर से दायर होने वाले प्रकरणों में पत्नी की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए मुकदमे पत्नी के निवास स्थान वाले जिले में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, ताकि वह अपना समुचित बचाव कर सके। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विनीशा जितेश तोलानी उर्फ मनमीत लघमानी बनाम जितेश किशोर तोलानी के अहम न्यायिक दृष्टांत में पारित इस मत का अनुसरण करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय में पति द्वारा दायर एक तलाक याचिका को पत्नी के अनुरोध पर उसके निवास स्थान यानी चुरू के पारिवारिक न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है।
शाहना बानो की ओर से अधिवक्ता रजाक खान हैदर ने सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 24 के तहत हाईकोर्ट में स्थानांतरण याचिका पेश कर कहा कि शाहना बानो के पति अब्दुल जावेद ने जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय में तलाक की डिक्री के लिए वाद प्रस्तुत किया है, जो वर्तमान में विचाराधीन है। जबकि वह वर्तमान में अपने पीहर में माता-पिता के साथ चुरू शहर में निवासरत है। वहां पर उसने भरण-पोषण दिलाने और घरेलू हिंसा व क्रूरता करने के लिए पति को दण्डित करने की कानूनी कार्रवाई संस्थित कर रखी है। इसलिए Jodhpur में विचाराधीन तलाक के वाद को भी चुरू के पारिवारिक न्यायालय में स्थानांतरित करना उचित होगा, क्योंकि प्रतिवादी के लिए चुरू से जोधपुर आकर अपना बचाव करना काफी दुश्कर होगा। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका को चुरू के पारिवारिक न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है।
सन्दर्भ स्रोत : उदयपुर किरण
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