छाया: भाविका शर्मा
अपने क्षेत्र की पहली महिला
• 22 वर्ष की आयु में हो गयीं कैंसर से पीड़ित, इलाज के लिए खुद की अपने डॉक्टर की तलाश
• आज व्यावसायिक यात्राओं से लेकर शादी और जन्म दिन तक लिए उपलब्ध करवाती हैं निजी विमान
ज़िंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव से हार मानने की जगह जब व्यक्ति उससे लड़ता है और एक नई परिभाषा लिखता है, तो वह न केवल अपने लिए बल्कि सबके लिए एक प्रेरणा बन जाता है। ऐसी ही एक युवा महिला हैं कनिका टेकरीवाल। कनिका ने कैंसर जैसी बीमारी को हरा कर न केवल अपने आपको एक नई ज़िन्दगी दी बल्कि दुनिया के कई लोगों को जीने का एक नया तरीका सिखाया। 32 साल की कनिका ‘जेट सेट गो’ कंपनी की सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
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भोपाल के प्रतिष्ठित व्यवसायी अनिल टेकरीवाल और गृहिणी सुनीता टेकरीवाल के घर 6 जून 1988 को कनिका का जन्म हुआ। यहाँ जवाहरलाल नेहरु स्कूल से उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की और फिर इंग्लैड से एमबीए की डिग्री हासिल की। 17 साल की उम्र में कनिका ने अपनी कंपनी बनाने की शुरुआत कर दी थी लेकिन उन्हें बड़ा झटका 22 साल की उम्र में लगा जब उन्हें कैंसर होने का पता चला। इसके बाद भी कनिका हारी नहीं और उन्होंने अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत रखते हुए इसका सामना किया। उन्होंने फ़ैसला किया कि वह ऐसे डॉक्टर से इलाज कराएंगी, जो डर और आत्मविश्वास में फर्क समझता हो, जिसका ज़ज़्बा उनकी ही तरह मजबूत हो। कनिका को डॉक्टर की तलाश में पूरा भारत घूमना पड़ा और वे कई विशेषज्ञों से मिलीं। काफ़ी जद्दोजहद के बाद उनकी तलाश पूरी हुई। डॉक्टर और कनिका ने कैंसर को एक चुनौती की तरह लिया। एक साल के इलाज में कनिका को कई बार कीमोथैरेपी करानी पड़ी। इस तरह वे कैंसर को हराने में कामयाब रहीं।
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इसके बाद कनिका पहले से ज़्यादा निडर और आत्मविश्वासी हो गईं थीं। वे अपने सपने को पूरा करने के लिए भोपाल से दिल्ली चली गई जहां उन्होंने 2014 में अपनी ‘जेट सेट गो’ कंपनी की शुरुआत की। इस कंपनी के जरिए कोई भी बिना किसी दिक्कत के अपने लिए प्राइवेट एयरक्राफ़्ट, हेलिकॉप्टर और एयर एंबुलेंस की ऑनलाइन बुकिंग कर सकता है। कनिका व्यावसायिक यात्राओं से लेकर जन्मदिन और शादी-ब्याह तक के लिए निजी विमान या हेलिकॉप्टर उपलब्ध करवाती हैं। इस समय ‘जेट सेट गो’ के दफ़्तर दिल्ली के अतिरिक्त मुंबई, बैंगलोर, दुबई और न्यूयॉर्क में है। भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह भी ‘जेट सेट गो’ में निवेश कर चुके है। आज उनके पास तकरीबन दो दर्ज़न एयरक्राफ़्ट है। यह कंपनी 20 मिलियन डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट और करीब 70 मिलियन डॉलर की संपत्ति को संभालती है।
कनिका ने 17 साल की उम्र में एक नामी जेट कंपनी में नौकरी शुरू की थी। आज वे इंडस्ट्री में 15 साल पूरे कर चुकी हैं। काम के दौरान उन्हें जब भी असफलता हाथ लगती तो वे हताश व निराश होने की बजाय इस बात पर ज्यादा ध्यान देतीं कि अगली बार वो और बेहतर कैसे कर सकतीं हैं। उनकी सोच पूरी तरह सकारात्मक है और वे किसी भी समस्या का हल खोजने में पूरा वक्त देती हैं। कनिका के मुताबिक, अगर मैं अपना 6 महीने का समय देने के बाद भी सिर्फ इसलिए कोई प्लान नहीं बेच पाती हूं कि मेरे ग्राहक को रेट पसंद नहीं है या उसने अपना मूड बदल लिया है, तो मुझे निराशा नहीं होती है। बल्कि मैं फिर से अपने काम में पूरे जोश के साथ लग जाती हूं। मैं कोशिश करती हूं कि मेरे ग्राहकों को और भी सस्ते प्लान दे सकूं। मैं हर रात सोने से पहले अपने आपसे ये वायदा करतीं हूं कि मुझे विश्व की सौ शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल होना है। कनिका का ये आत्मविश्वास और उनकी सकारात्मक सोच ही उन्हें आज इस मुकाम तक लेकर आया है।
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कनिका फ़ोर्ब्स मैगज़ीन की अंडर 30 अचीवर्स की लिस्ट और बीबीसी की 100 पॉवरफ़ुल लेडीज़ की लिस्ट में भी अपनी जगह बना चुकी है। वे भारत की 7 एस्पिरेशनल (प्रेरणादायी) महिलाओं में से एक है। कनिका न केवल एक सफल महिला व्यवसायी हैं, बल्कि कुशल मैराथन धावक, एक चित्रकार और ज़िंदादिल ट्रैवेलर भी हैं।
संदर्भ स्रोत : पंजाब केसरी तथा योर स्टोरी डॉट कॉम
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