बॉम्बे हाईकोर्ट : तलाक के अधिकार

blog-img

बॉम्बे हाईकोर्ट : तलाक के अधिकार
व्यक्ति के साथ ही समाप्त हो जाते हैं

एक महत्वपूर्ण फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने घोषणा की कि तलाक लेने का अधिकार व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाता है, जिससे एक कानूनी मिसाल कायम हुई कि वैवाहिक विवादों से संबंधित व्यक्तिगत अधिकार विरासत में नहीं मिल सकते। यह फैसला पुणे निवासी मृतक के परिवार द्वारा दायर अपील के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि उन्हें उसकी तलाक की कार्यवाही जारी रखने में सक्षम होना चाहिए।

यह मामला अनिकेत से जुड़ा था, जिसने अक्टूबर 2020 में धुले फैमिली कोर्ट में अपनी पत्नी शलाका के साथ आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दी थी। अप्रैल 2021 में कोविड-19 के कारण अनिकेत की दुखद मृत्यु हो जाने के बाद प्रक्रिया रोक दी गई, इससे पहले कि तलाक की अंतिम पुष्टि की जा सके। उसकी मृत्यु के बाद, शलाका ने तलाक के लिए अपनी सहमति वापस ले ली। जिसके बाद फैमिली कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

अनिकेत की मां और भाइयों ने इस फैसले का विरोध करते हुए तर्क दिया कि उन्हें, उसके कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में, तलाक की कार्यवाही पूरी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। खासकर तब, जब आंशिक समझौता पहले ही हो चुका है। उन्होंने हिंदू विवाह अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत तलाक को जारी रखने की मांग करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में अपील की।

हालांकि, न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और न्यायमूर्ति शैलेश ब्रह्मे की खंडपीठ ने पारिवारिक न्यायालय के मूल फैसले को बरकरार रखा। उन्होंने कहा, "तलाक लेने का अधिकार मृतक का व्यक्तिगत अधिकार था, और कार्रवाई का कारण परिवार के सदस्यों तक नहीं रहेगा।" अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत आपसी सहमति आवश्यक है और यह प्रक्रिया किसी एक पक्ष के कहने पर मरणोपरांत पूरी नहीं की जा सकती।

सन्दर्भ स्रोत : लॉ ट्रेंड

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



 सुप्रीम कोर्ट : तलाक लंबित रहने तक
अदालती फैसले

 सुप्रीम कोर्ट : तलाक लंबित रहने तक , पत्नी सभी सुविधाओं की हकदार

शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के के आदेश को रद्द करते हुए पारिवारिक अदालत के आदेश को बहाल कर 1.75 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने...

केरल हाईकोर्ट : पत्नी को मोटी, बदसूरत
अदालती फैसले

केरल हाईकोर्ट : पत्नी को मोटी, बदसूरत , कहना भी तलाक का आधार

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि पीड़ित के ससुराल में पति के भाई-बहनों द्वारा उसे उसके र...

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पहली पत्नी ही पेंशन पाने की हकदार 
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पहली पत्नी ही पेंशन पाने की हकदार 

हाईकोर्ट नेएएमयू कुलपति को 2 महीने में निर्णय लेने का दिया आदेश

पॉक्सो मामलों में पीड़ितों की पैरवी करेंगी 182 महिला वकील
अदालती फैसले

पॉक्सो मामलों में पीड़ितों की पैरवी करेंगी 182 महिला वकील

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी ने गठित किया पैनल

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट : पत्नी को नौकरी
अदालती फैसले

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट : पत्नी को नौकरी , छोड़ने के लिए मजबूर करना क्रूरता

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला…पति या पत्नी नौकरी करने के लिए एक-दूसरे को मजबूर नहीं कर सकते, दी तलाक की मंजूरी