छाया :प्रिया नलगुंडवार
अपने क्षेत्र की पहली महिला
• चेन्नई से अण्डामान निकोबार तक एक गुप्त मिशन पर निरंतर 4 दिनों की बिना थके भरी थी उड़ान
• गल्फ स्ट्रीम हवाई और अमेरिका से प्राप्त किया विशेष प्रशिक्षण
• बैडमिन्टन में कर चुकी हैं प्रदेश का प्रतिनिधित्व
चेन्नई से अण्डामान निकोबर तक किसी गुप्त मिशन पर निरंतर चार दिनों की बिना थके उड़ान भरने वाली प्रिया नलगुंजवार भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट (स्वर्ण पदक विजेता) हैं। अपने आत्मबल के सहारे उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। भोपाल फ्लाइंग क्लब से प्रशिक्षण के बाद दिसम्बर,1992 में उन्हें 60 घण्टे की उड़ान का प्राइवेट लाइसेंस प्राप्त है। जिंदगी में ऊंची उड़ान भरने की तमन्ना रखने वाली प्रिया को जब भारतीय वायुसेना में महिला पायलटों की भर्ती की खबर मिली, तो उन्होंने तुरंत आवेदन भेजा और 7 फरवरी,1993 को वायुसेना के देहरादून केन्द्र पर बुलावे पर अकेले ही घर से निकल पड़ी। बहादुरी से कई चरणों से गुजरने के बाद प्रिया का चयन वायुसेना पायलट के रूप में हो गया। इसके बाद उसे प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद स्थित डुण्डीगल अकादमी भेजा गया। प्रिया को एमएससी (फिजिक्स) की पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ी। उसका लक्ष्य कुछ नया और अलग करने का था। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युद्ध के समय सैनिकों और सैन्य साज सामान और हथियारों को निर्धारित समर क्षेत्र में पहुंचाने का दायित्व उसने निभाया। सरहदों के दुर्गम पहाड़ी इलाकों पर थलसैनिकों को तैनात रखने में परिवहन पायलट की अग्रणी भूमिका होती है।
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प्रिया की प्रारंभिक शिक्षा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टीटी नगर से हुई। प्रिया बैडमिंटन एसोसिएशन मध्यप्रदेश की राष्ट्रीय खिलाड़ी रही है तथा छह बार राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।
वायुसेना के परिवहन विमान की पायलट के रूप में युद्ध में प्रत्यक्ष भूमिका तो उन्होंने नहीं निभाई लेकिन वायुसेना में प्रिया का उल्लेखनीय योगदान है। वायुसेना में प्रिया की पहली पोस्टिंग पायलेट अफसर के रूप में हुई। उसके बाद क्रमश: फ्लाइंग अफसर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट, स्वाक्वार्डन लीडर पद संभालने के बाद वह सेवा मुक्त हो गई। वर्तमान में प्रिया नलगुंडवार गृह मंत्रालय में सचिव हैं। प्रिया गल्फ स्ट्रीम हवाई और अमेरिका से 2008 में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं।
संदर्भ स्रोत- मध्यप्रदेश महिला संदर्भ
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