अणिमा पगारे

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अणिमा पगारे

छाया :लाबू विकी डॉट कॉम

प्रतिभा- टेलीविजन, सिनेमा और रंगमंच

• सीमा चौबे

मध्यप्रदेश के कस्बों और छोटे शहरों से निकले ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने मायानगरी मुंबई में आकर अपने सपने पूरे किए हैं। उन्हीं में से एक हैं सीहोर की अणिमा पगारे। उन्होंने अपने हुनर और कड़ी मेहनत के दम पर टीवी और बॉलीवुड में खुद को स्थापित कर अपने शहर का भी नाम रोशन किया है। जिस उम्र में और बच्चे ऊँगली पकड़कर चलते हैं, उस उम्र से रंगमंच पर काम की शुरुआत करने वाली अणिमा अनेक लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों में सशक्त अभिनय कर चुकी हैं।

सीहोर निवासी श्री अखिल पगारे और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती मानसी पगारे की इकलौती संतान अणिमा का जन्म होशंगाबाद में 29 जनवरी 1987 को हुआ। अणिमा, होशंगाबाद से विधायक रहे स्व. सुकुमार एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरस पगारे की पोती हैं। उनके माता-पिता के कला प्रेमी होने के कारण उनका बचपन कलात्मक परिवेश में ही बीता। उनके पिता पत्रकार-लेखक और माँ आकाशवाणी में गायक कलाकार रही हैं। पिता सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कवरेज और नाटकों की समीक्षा किया करते थे। इस कारण भारत भवन और कलाकारों से उनका ख़ास जुड़ाव रहा। इस तरह अणिमा को बचपन से ही लेखन और अभिनय का माहौल अपने आसपास मिला। इसका असर यह हुआ कि वे बचपन से ही अभिनय और लेखन करने लगी थीं। जब वे महज तीन वर्ष की थी, तब उन्होंने भारत भवन में ‘गुल की बन्नो’ नाटक में पहली बार अभिनय कर वाहवाही बटोर ली थी। इसके बाद उन्होंने ‘नई पीढ़ी को सौंप दो’, पुनर्मूषको भव:’ आदि नाटकों में काम किया। उन्हें अलखनंदन जी के साथ भी तीन-चार नाटकों अभिनय करने का अवसर मिला। वे अभिनय के लिए ही बनी हैं, इसका पता उन्हें इसरो के डॉक्यूड्रामा में चयन होने के बाद ही चला। यहाँ उन्हें जन जागरुकता आधारित अनेक डॉक्यूड्रामा में काम करने का अवसर मिला। बस यहीं से उन्होंने तय कर लिया कि अब इसी क्षेत्र में किस्मत आजमाना है।

अणिमा ने भोपाल के नूतन कॉलेज से बी.ए. के अलावा हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा भी किया है। अभिनय से लगाव होने के कारण ग्रेजुएशन के दौरान ही अणिमा ने मुंबई जाने की इच्छा जाहिर की, लेकिन माता-पिता चाहते थे कि वे कम से कम ग्रेजुएशन तो कर लें, अणिमा एक्टिंग के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के वादे के साथ वर्ष 2008 में मुंबई पहुँच गई। अणिमा ने अभिनय करते हुए ही स्नातक और हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा किया। वर्ष 2009 में पृथ्वी थियेटर में ‘कर्ण-द जेनरस वारियर्स’ नाटक में पहला प्ले किया। इंटरनेशनल थियेटर फेस्टिवल के लिये इस नाटक का चयन होने पर नीदरलैंड थिएटर फेस्टिवल में अणिमा ने भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।

रंगमंच पर काम करने के साथ ही वे टीवी धारावाहिकों के लिए ऑडिशन भी देती रहीं। उनकी मेहनत  रंग लाई और वर्ष 2009 में स्टार प्लस के धारावाहिक  ‘तेरे मेरे सपने (2009) में उन्हें सहायक कलाकार की भूमिका मिल गई।  इस तरह टीवी पर उनकी अभिनय यात्रा शुरू हुई। यह धारावाहिक पूरे तीन साल चला। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और विभिन्न चैनलों के लिए कई धारावाहिकों (जैसे क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया, शैतान, चैनल वी पर गुमराह, कन्फेशन ऑफ़ इंडियन टीन एजर, अजीब दास्तान आदि) में काम किया। ‘अजीब दास्तां-’ में उन्हें अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे और हर्ष छाया के साथ काम करने का अवसर मिला। इस बीच उनका नाट्य कर्म भी चलता रहा और उनके अभिनय में अधिक निखार आता चला गया। 2018 में उनके द्वारा अभिनीत नाटक ‘लस्सनवाला’ (अछूत प्रथा पर आधारित) काफी लोकप्रिय हुआ। यह नाटक मेटा थिएटर फेस्टिवल में भी मंचित हुआ।

वर्ष 2020 में कथाकार संजीव बख्शी के उपन्यास पर आधारित और छत्तीसगढ़ी भाषा में बनी फ़िल्म ‘भूलन द मेज़’ में उन्होंने बतौर मुख्य अभिनेत्री काम किया। यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि रही कि मंजे हुए कलाकारों के साथ काम करने के बावजूद उनके काम को सराहा गया। इस फ़िल्म में पीपली लाईव में नत्था की भूमिका निभा चुके ओंकार दास माणिकपुरी मुख्य भूमिका में थे, जबकि राजेंद्र गुप्ता और मुकेश तिवारी जैसे दिग्गज कलाकार भी इस फिल्म में उनके साथ थे। उनकी प्रतिभा से प्रभावित राजेंद्र गुप्ता यह कहे बिना नहीं रह सके कि ‘तुम बहुत अच्छी एक्टिंग करती हो’। अणिमा कहती हैं, राजेंद्र जी जैसे कलाकार से तारीफ़ पाना किसी पुरस्कार से कम नहीं है।‘

यह फिल्म उनके करियर की पहली सुपरहिट फ़िल्म साबित हुई। उसे क्षेत्रीय भाषा की श्रेणी में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अणिमा बताती हैं इस फिल्म के पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा सुनी भी नहीं थी, बोलना तो बहुत दूर की बात थी, लेकिन वहां आदिवासियों के बीच रहते हुए उन्होंने भाषा सीखी और बाद में इस फ़िल्म की डबिंग भी खुद ही की। उल्लेखनीय है कि  मुख्य अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म मूड्स ऑफ क्राइम (2016) है। वे इस फ़िल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने के.के. मेनन के साथ फिल्म ‘3 देव’  में भी काम किया, लेकिन किसी कारणवश यह फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई।

गुमराह धारावाहिक में उन्होंने गूंगी बहरी लड़की की भूमिका निभाई। यह भूमिका किसी भी कलाकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी जिस संजीदगी से उन्होंने इस किरदार को निभाया, उसे दर्शक आज भी भूल नहीं पाये हैं। अणिमा अभी तक निभाई गई भूमिकाओं में ‘गुमराह’ में गूंगी बहरी लडक़ी और ‘भूलन द मेज़’ में प्रेमिन की भूमिका को सर्वश्रेष्ठ मानती हैं। वे बताती हैं, मुंबई में कई लोगों को अंग्रेजी नहीं आने के कारण काम नहीं मिलता, लेकिन इसके उलट उन्हें हिन्दी पर अच्छी पकड़ होने के कारण ही टीवी और फिल्मों में अच्छी भूमिकाएं मिली। टी.वी धारावाहिक ‘तेरे मेरे सपने’ अवधि में था। इस प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ लोगों ने पृथ्वी थियेटर में अणिमा का अभिनय देखा था। उनकी सलाह पर ही इस धारावाहिक के लिए अणिमा ने ऑडिशन दिया और वे चुन ली गईं। इस तरह उन्हें टीवी पर पहला धारावाहिक मिला।

मुंबई आने के बाद उनका अभिनय का शौक तो पूरा हुआ, लेकिन टीवी करते समय वे लेखन पर ध्यान नहीं दे पा रहीं थीं इसीलिये 10 साल तक धारावाहिकों में काम करने के बाद 2019 में उन्होंने टीवी को अलविदा कह दिया। उनका आख़िरी धारावाहिक ‘अजीब दास्तां है ये’ था। हालांकि टीवी छोड़ने का निर्णय उनके लिए बहुत मुश्किल था। इसके बाद उन्होंने फिल्मों में अभिनय के साथ लेखन पर ध्यान देना शुरू किया। अब वे फिल्मों के लिए पटकथा तथा गीत भी लिख रही हैं। उन्होंने वेबसीरीज ‘रॉकर्स’ की पटकथा और गीत भी लिखे हैं, जो शीघ्र ही ओटीटी पर जारी होगी। इसके अलावा उन्होंने यंग म्यूजिक बैंड पर आधारित फ़िल्म ‘काबूम’ के तीन गाने तथा पटकथा तैयार की है। आने वाले कई प्रोजेक्ट्स उनके हाथ में हैं, जिसमें वे लेखन में भी अपना जलवा दिखाएंगी।

अणिमा उन कलाकारों में से हैं, जो फिल्म की संख्या और पुरस्कारों के बजाय फ़िल्म की गुणवत्ता और अपने किरदार को अधिक महत्व देते हैं। भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए वे बताती हैं - ‘मैं अपने आपको किसी दौड़ का हिस्सा नहीं मानती, मेरी प्रतिबद्धता मेरा लेखन और अभिनय है। वे फिलहाल लेखन पर अधिक ध्यान दे रही हैं साथ ही फिल्मों और वेबसीरीज़ में अच्छे मौकों की तलाश में हैं। उन्होंने एक हॉरर फ़िल्म भी साइन की है, जिसकी शूटिंग जल्द शुरू होने वाली है।

सन्दर्भ स्रोत : अणिमा पगारे से सीमा चौबे की बातचीत पर आधारित

Ⓒ मीडियाटिक 

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