महिला डॉक्टर व उसकी मां के खिलाफ एफआईआर को खारिज करने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया।
फैमिली कोर्ट ने पाया था कि यह याची ही था जिसने पत्नी और बच्चे का भरण-पोषण नहीं किया और उन्हें असहाय छोड़ दिया।
कोर्ट ने कहा “गिफ्ट की सूची पर वर-वधू पक्ष के हस्ताक्षर भी कराए जाएं, ऐसा करने से विवादों के निपटारे में मदद मिलेगी”
कोर्ट ने कहा “दहेज की मांग करते हुए महिला को मायके में रहने के लिए मजबूर करना मानसिक क्रूरता”
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- अधिकारियों के समक्ष तलाक का तथ्य साबित करना होगा
कोर्ट ने कहा कि जेल नियम लिव-इन पार्टनर को परिवार के सदस्य के रूप में मान्यता नहीं देते हैं