नीमच की शबनम गाँव गाँव में योग का परचम फहरा रही है। 10 वर्षों से योग को प्रत्येक सामाजिक संस्था, जिला जेल, नशा मुक्ति केंद्र, एन सी सी के सैनिकों, स्कूली बच्चों व योग प्रशिक्षण केंद्र नीमच में नियमित निशुल्क योग कक्षा लगाकर आमजन को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। वे नीमच जिले के छोटे-छोटे गांव सहित केंद्रीय जेल में कैदियों को योग के महत्व सिखाने के साथ ही इसके प्रचार-प्रसार में निःशुल्क बेहतर काम कर रही हैं। योग को स्वयं की दिनचर्या में शामिल करने के साथ ही अब तक 30 हजार से अधिक लोगों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे चुकीं है।
पेशे से शासकीय शिक्षक शबनम बताती हैं कि वर्ष 2016 में शासन की ओर से उन्हे जिला योग प्रभारी का दायित्व सौंपा गया था। जिसके बाद से लगातार योग के प्रचार-प्रसार को लेकर वह कार्य कर रही हैं। इसमें परिवार का हमेशा पूरा सहयोग मिला। आज सभी लोग योग गुरु के नाम से जानते हैं।
शबनम का मानना है कि योग किसी विशेष धर्म संप्रदाय के लिए नहीं है यह मानव जीवन, कल्याण और सबके मंगल कामना की अनूठी पहल है। आज की पीढी को इस शिक्षा में आगे बढ़ने की जरूरत है। आपसी भेदभाव मिटाकर मानव कल्याण और खुद सदैव स्वस्थ व प्रसन्न रहने के लिए प्रति दिन एक घंटा योग जरूर करना चाहिए।
ऐसे हुई शुरुआत
शबनम का कहना है कि योग को लेकर रुझान पहले से था। वर्ष 2016 में शासन की ओर से 1 माह का प्रशिक्षण भोपाल स्थित शास.योग प्रशिक्षण केंद्र में दिलाया गया। उन्हे योग गुरु देवीदयाल भारती द्वारा योग की शिक्षा दी गई। इस दौरान योग का सही महत्व समझ में आया। उसके बाद निरंतर आज तक नीमच में योग का प्रशिक्षण दे रही है। शबनम को जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक कई सम्मान मिल चुके हैं।
सन्दर्भ स्रोत : हरिभूमि
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