छाया : संवेदना शी के फेसबुक अकाउंट से
किसी संस्था की पहचान उसके काम से होती है और ‘पुलिस ऑफिसर्स वाइव्स वेलफेयर क्लब, इंदौर’ इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। वर्ष 2008 में सुनंदा यादव ने अपने घर से इस क्लब की शुरुआत की, जब उनके पति आनंद यादव की पोस्टिंग इंदौर में हुई थी। उद्देश्य था कि पुलिस अधिकारियों की पत्नियां एकजुट होकर समाज के लिए सार्थक कार्य करें। शुरुआत में 30–35 महिलाएं साथ आईं और यह संकल्प लिया कि जरूरतमंदों की मदद एक नियमित अभियान बनेगी।
आज, 17 वर्षों बाद, यह संगठन एक मजबूत परिवार की तरह विकसित हो चुका है। क्लब की सदस्याएं हर महीने मिलती हैं, त्योहार साथ मनाती हैं और समाज के हर वर्ग तक “संवेदना” पहुँचाने का कार्य निरंतर करती हैं। इस यात्रा ने सिद्ध किया है कि सेवा केवल एक गतिविधि नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य है। हर वर्ष नए प्रकल्प, नई प्रेरणाएँ और नई संवेदनाएँ इस अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाती हैं। संस्थापक सुनंदा यादव का मानना है कि क्लब का हर प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम है—चाहे वह महिला सशक्तिकरण हो, बच्चों की शिक्षा या बुजुर्गों की मुस्कान।
स्वास्थ्य, शिक्षा और सेवा, तीनों मोर्चों पर सक्रिय
वर्ष 2014 में क्लब ने अपनी स्वयंसेवी संस्था ‘संवेदना शी वीमेन हेल्थ केयर सोसाइटी’ पंजीकृत कराई। यह संस्था महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता और जागरूकता पर निरंतर कार्य कर रही है। गाँवों और बस्तियों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाकर, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित कर आदि माध्यम से महिलाओं को जागरूक बनाया गया। मांडू का सरकारी स्कूल, ग्राम शिवानी, महिला पुलिस थाना और पुलिस ट्रेनिंग सेंटर जैसे कई स्थान इन अभियानों का हिस्सा रहे।
शिक्षा के क्षेत्र में भी क्लब का योगदान उल्लेखनीय है। कई जरूरतमंद बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी गई है। एक स्कूल के दो बच्चों की फीस पिछले चार वर्षों से क्लब उठा रहा है और इस वर्ष चार और बच्चों की जिम्मेदारी ली गई है।
सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर



Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *