छाया : हरिभूमि समाचार पत्र
भोपाल की राशिदा रियाज हुसैन साइकिल से गांव-गांव जाकर महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही हैं। 8 साल पहले अकेले शुरू की गई उनकी इस मुहिम में अब 550 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। 42 वर्षीय राशिदा ने महिलाओं को जागरूक करने के लिए एक प्रो साइकिलिस्ट ग्रुप बनाया है। जिससे वह सप्ताह में दो बार ग्रुप राइड करके महिलाओं और बच्चों को विभिन्न स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के लिए जागरूक करती हैं। साथ ही पर्यावरण और फ्यूल बचाने का संदेश भी देती हैं।
दरअसल जब वह दूसरी बार मां बनीं तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो गईं। डॉक्टर ने उन्हें चलने तक से मना कर दिया था, लेकिन वह ऐसी जिन्दगी नहीं जी सकती थी। इसलिए उन्होंने एक्सरसाइज और साइकिलिंग का रास्ता अपनाया। इसे देखते हुए उन्होंने अन्य महिलाओं को जागरूक करने की ठानीं। इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है। हाल ही महिला सम्मान के लिए उन्हें इसरो की ओर से आमंत्रित किया गया था।
महिलाओं को बना रही हैं आत्मनिर्भर
राशिदा पिछले 10 सालों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में लगी हुई हैं। ये महिलाओं को ट्रक, ट्रैक्टर, लॉडिंग जैसे वाहनों की सजावट के काम में आने वाली एसेसरीज बनाना सिखाती हैं। इसके लिए उन्होंने एक संस्था स्थापित की है। इस संस्था में उनसे 200 से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 250 से अधिक महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवा चुकी हैं। वह कहती हैं कि पहले इस काम को केवल पुरुष ही किया करते थे। उनके साथ जुड़ी हुई अधिकांश महिलाएं वंचित वर्ग के साथ विधवा, तलाकशुदा हैं, जो अब आत्मनिर्भर बन रही हैं।
एथलीट के तौर पर भी है पहचान
राशिदा एक एथलीट भी है। उन्हें मास्टर एथलीट स्टेट लेवल में शॉर्टपुट फॉर रनिंग में एक सिल्वर व एक ब्रॉन्ज मैडल मिला। वह कहती हैं कि उन्होंने 30 साल की उम्र में खेलना शुरू किया। इसके पीछे उनका मकसद था कि अगर कुछ करना हो तो उम्र कोई बाधा नहीं होती।
सन्दर्भ स्रोत : पत्रिका समाचार पत्र
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