छाया : नवभारत टाइम्स
कभी अपने घर की छत पर खड़े होकर आसमान में उड़ते विमान को देखकर पायलट बनने का सपना देखने वाली सागर के गोपालगंज की श्रेया शांडिल्य महज 23 साल की उम्र में सागर से पहली महिला पायलट बनी हैं। वह इंडिगो एयरलाइन में जूनियर फर्स्ट आफिसर बनी हैं।5 साल की ट्रेनिंग के बाद श्रेया यह मुकाम ने हासिल किया है।
श्रेया की प्राथमिक शिक्षा महार रेजिमेंट स्कूल और आगे की पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से हुई है। इसके बाद इंदौर जाकर मप्र फ्लाइंग क्लब जॉइन किया। कोविड के दौरान एक वर्ष ऐसे ही निकल गए, लेकिन श्रेया ने इंदौर में चुनौतियों का सामना कर पढ़ाई जारी रखी।
पायलट श्रेया के पिता का नाम अवधेश शांडिल्य हैं और वह फोटो कॉपी की दुकान चलाते हैं। पिता ने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए खुद को पूरी तरह झोंक दिया।
कैप्टन श्रेया शांडिल्य ने 2019 में मध्यप्रदेश फ्लाइंग क्लब इंदौर से 200 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) लिया था। श्रेया उन महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो ऊंचे ख्वाब तो देखती हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने से पहले ही पीछे हट जाती हैं।
सन्दर्भ स्रोत : नवभारत टाइम्स
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