छाया : हरिभूमि
पचमढ़ी के एक होटल का हिसाब किताब महिलाओं के हाथ में आते ही न सिर्फ महिला यात्रियों का भरोसा बढ़ा, बल्कि रेवेन्यू भी अच्छा ख़ासा बढ़ गया। मध्यप्रदेश में महिला सशक्तीकरण के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम ने कुछ माह पहले जब पचमढ़ी के अमलतास होटल संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं सौंपते समय सोचा भी नहीं होगा कि पुरुषों के प्रभुत्व वाले उद्योगों में महिलाएं उनसे बेहतर काम कर उम्मीद से कहीं बेहतर परिणाम देंगी।
बताते चलें कि मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम ने अनूठी पहल करते हुए इसी वर्ष 15 सितम्बर से पचमढ़ी में महिला पर्यटकों को रुकने के लिए सुरक्षित जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अपने होटल अमलतास के संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं को सौपी थी। निगम के इस फैसले को महिलाओं ने भी चुनौती के रूप में लिया और नतीजा मात्र ढाई माह में ही रेवेन्यू अच्छा ख़ासा बढ़ गया। पचमढ़ी में महिला पर्यटकों को ठहरने के लिए सुरक्षित स्थान मिलने के साथ ही अब महिला पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है।
महिलाओं को रोजगार देने और सुरक्षित पर्यटन के लिए यूएन की वुमन विंग के साथ मिलकर पर्यटन निगम यह प्रयोग कर रहा है। मैनेजर ज्योति जायसवाल बताती हैं कि होटल में 22 महिलाओं का स्टाफ है। इसका सारा प्रबंधन महिलाएं ही देख रही हैं। यहां मैनेजर से लेकर ड्राइवर, कुक और माली तक सभी महिलाएं हैं। खास बात यह है कि दो महिलाएं नाइट वॉचवुमैन का काम संभाल रही हैं। वे बताती हैं वुमन मैनेजमेंट से यहाँ आने वाली महिला यात्री खासी प्रभावित हैं। महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित माहौल मिल रहा है। कई महिलाएं तो अपने छोटे बच्चों को स्टाफ के पास छोड़कर घूमने चली जाती हैं। यहाँ आने वाली महिला यात्री यहाँ की व्यवस्था देख आश्चर्यचकित होती है। उन्हें महिलाओं को मैनेजमेंट सौंपने का यह कॉन्सेप्ट बहुत लुभा रहा है।
ज्योति बताती है कि मात्र ढाई माह में यहां टूरिस्ट और रेवेन्यू दोनों में इजाफा हुआ है। अक्टूबर में रेवेन्यू 18 लाख था, जो नवंबर में 22 लाख रु. हो गया। होटल में रुकी पर्यटक रूपल पी. अमीन कहती हैं खुद को यहां बहुत सुरक्षित महसूस कर रही हूँ। मैं यहां दोबारा आना चाहूंगी। इसी तरह सूरत से आया महिलाओं का समूह भी यहाँ आकर आश्चर्यचकित है।
पर्यटन निगम के इस होटल का शुभारंभ पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया।
सन्दर्भ स्रोत : पीपुल्स
सम्पादन : मीडियाटिक
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