छाया: देशबन्धु
इटारसी। कहते हैं कि कहते हैं कि बच्चों को सही मार्गदर्शन व उचित मंच मिले तो उसके हुनर को चार चांद लग जाते हैं। जिले के शासकीय हाई स्कूल भट्टी आदिवासी ब्लॉक की बाल वैज्ञानिक कीर्ति यादव ने आज के महत्वपूर्ण आवश्यकता पराली जलाने से पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन पर अपना प्रोजेक्ट बनाया। इसका चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है।
पराली जलाने से होने वाले नुकसान को ध्यान में रखकर बाल वैज्ञानिक ने ग्रामीण किसानों, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं, सरपंच, पटवारी आदि बुद्धिजीवियों से जानकारी प्राप्त कर शोध पत्र का उचित समाधान किया। भारत सरकार के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद मंत्रालय नई दिल्ली व साइंस सेंटर ग्वालियर द्वारा 31वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आयोजन मिलेनियम ग्रुप भोपाल में संपन्न हुआ। द्वितीय चरण में मध्य प्रदेश के सभी जिलों से 67 बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये इसमें नर्मदापुरम जिले की छात्रा कीर्ति यादव का राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ। कीर्ति ने अपना शोध पत्र शिक्षक योगेश तिवारी के मार्गदर्शन में प्रस्तुत किया। कीर्ति अब राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ वैज्ञानिकों के समक्ष मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेगी।
संदर्भ स्रोत : देशबन्धु
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