छाया: देशबन्धु
देशबन्धु पत्र समूह के शिवपुरी संवाददाता ज़ाहिद ख़ान और होशंगाबाद जिले के ब्यूरो प्रमुख अक्षय नेमा को लैंगिक मुद्दों पर लेखन के लिए मुंबई की सामाजिक संस्था ‘पॉपुलेशन फर्स्ट’ और ‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ (यूएनएफपीए) द्वारा लाडली मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस साल लाडली मीडिया अवार्ड के लिए पूरे देश से 900 से ज्यादा प्रविष्टियां पहुंची थीं। जिसमें 10 भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, ओड़िया, असमिया, बंगाली, गुजराती के कुल 71 पत्रकारों को इस सम्मान के लिए चुना गया। क्षेत्रीय स्तर के इन विजेताओं के नाम का ऐलान 19 नवम्बर, देर शाम को एक ऑनलाइन आयोजन में हुआ।
उल्लेखनीय है कि ज़ाहिद ख़ान को यह सम्मान छठवीं मर्तबा मिला है। इससे पहले वे साल 2011-2012, साल 2013-14, 2018 और साल 2020 में ‘लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसिटिविटी’ के रीजनल पुरस्कार और साल 2018 में ‘साउथ एशिया लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसिटिविटी’ नेशनल अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके हैं। ज़ाहिद ख़ान को बेस्ट सम्पादकीय आलेख (हिंदी) प्रिंट कैटेगरी के अंतर्गत यह अवार्ड मिला है। पुरस्कार के लिए चयनित होने वाला उनका लेख था, ‘महिलाओं के प्रति इस मानसिकता को क्या कहिएगा’। यह लेख पिछले साल 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ‘देशबन्धु’ में प्रकाशित हुआ था। इस लेख में ज़ाहिद ख़ान ने गुजरात की दो अलग—अलग घटनाओं का विस्तृत विश्लेषण करते हुए महिलाओं के अधिकार और उनकी गरिमा का सवाल उठाया था। जिसमें एक मामले में गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं को माहवारी की वजह से अमानवीय और अपमानजनक बर्ताव झेलना पड़ा, तो दूसरे मामले में एक बलात्कार पीडि़त महिला को प्रतिबंधित ‘टू-फिंगर टेस्ट’ का सामना करना पड़ा। यह बतलाना भी ज़रूरी होगा कि यह दूसरी मर्तबा है, जब ज़ाहिद ख़ान को ‘देशबन्धु’ में प्रकाशित आलेख के लिए यह सम्मान मिला है। जबकि अक्षय नेमा को यह सम्मान उनकी समाचार कथा ‘महिलाओं में धीरे-धीरे बढ़ रहा है सर्वाइकल कैंसर” के लिए प्रदान किया गया है।
संयुक्त रूप से हर साल दिए जाने वाले इस अवार्ड का यह ग्यारहवां संस्करण था। कोरोना वायरस कोविड—19 महामारी की वजह से लगातार दूसरा साल है, जब यह आयोजन यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार फाये डिसूजा और विशिष्ट अतिथि यूएनएफपीए के भारत में प्रतिनिधि श्रीराम हरिदास थे। कार्यक्रम में विशेष संगीतमय प्रस्तुति डोगरी भाषा की लोक गायिका वंशिका जराल ने दी। प्रोग्राम में सबसे पहले पॉपुलेशन फर्स्ट के विशेष ट्रस्टी एस.व्ही.सिस्टा, पॉपुलेशन फर्स्ट की निदेशक डॉ.ए.एल.शारदा और श्रीराम हरिदास ने प्रतिभागियों एवं दर्शकों को संबोधित किया। इसके बाद विजेताओं के नाम का एलान किया गया।
गौरतलब है कि ‘लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवार्ड फॉर जेंडर सेंसिटिविटी’ देश के उन मीडियाकर्मियों को दिया जाता है जो कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, न्यूज पोर्टल, ब्लॉग, वेबसाईट, रेडियो प्रोग्राम, कम्युनिटी मीडिया, फिल्म, किताब, विज्ञापन, डाक्युमेंट्री आदि 23 कैटेगरी यानी मीडिया के किसी भी माध्यम के जरिए समाज में लैंगिक संवेदनशीलता का प्रसार एवं लैंगिक समानता, लैंगिक न्याय की बात करते हैं। देश में लैंगिक उत्पीडऩ और लैंगिक असमानता के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठाते हैं।
सन्दर्भ स्रोत - देशबन्धु
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