गौरी ने इंटरनेशनल एडवेंचर फाउंडेशन ग्रुप के सदस्यों के साथ मिलकर यह मुकाम हासिल किया. उत्तरकाशी स्थित केदार कांठा पहाड़ पर उनके साथ उत्तरप्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ राज्य के सदस्य भी शामिल थे. इन लोगों ने सुबह पांच बजे 12,500 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर प्रथम स्थान हासिल किया.
इस मुक़ाम तक पहुंचने के लिए गौरी ने अपने गांव सिमरिया में ही पर्वतारोहण की तैयारी की. फिर साल 2019 में बेसिक माउंटेनियरिंग का कोर्स किया, इसी दौरान उन्होंने ‘रेन ऑफ पीक’ की करीब 17 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई हासिल की. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रही. गौरी ने बताया कि उनका सपना ‘टॉप ऑफ द वर्ल्ड’ माउंट एवरेस्ट फतह करना है.
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