पीठ ने कहा कि जो बेटे अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करते, उनके लिए कोई प्रायश्चित नहीं हो सकता।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर महिला काम करने में सक्षम है, तो वह अपने पति से भारी भरकम मुआवजे की मांग नह...
कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी अग्रिम गर्भावस्था के समय एक दैनिक वेतन भोगी महिला कर्मचारी थी, उसे कठिन श्रम करने के लिए मजबूर नहीं किया...
कोर्ट ने साफ कहा कि कुछ मामले संसद के लिए होते हैं और अदालतें महिलाओं के शादी की उम्र पर कानून नहीं बना सकती हैं।
केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि गृहिणी की भूमिका किसी राष्ट्रनिर्माता से कम नहीं है।
बेटी का विवाह उसकी स्थिति को बदल नहीं सकता है और न ही बदलेगा