मध्य प्रदेश की टीम ने सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी 2024-25 का खिताब जीत लिया है। बंगाल की टीम को राजकोट के निरंजाह शाह स्टेडियम में 7 विकेट से रौंदकर पहली बार मध्य प्रदेश की टीम ने खिताब अपने नाम किया। मध्य प्रदेश की टीम की तरफ से क्रांति गौड़ (Kranti Gaud) ने 4 विकेट झटके, जबकि बल्ले से अनुष्का शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया। अनुष्का के बल्ले से नाबाद 69 रन निकले और इनके प्रदर्शन के दम पर मध्य प्रदेश की टीम ने फाइनल मैच में जीत दर्ज की।
92 गेंद और 7 विकेट बाकी... और मप्र की टीम बन गई चैंपियन
इस मैच में मध्य प्रदेश महिला टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बैटिंग करते हुए बंगाल की टीम की शुरुआत खराब रही। 8 गेंदों पर टीम ने ओपनर धारा गुर्जर के रूप में पहला विकेट गंवाया। सास्थी मोंडल 5 रन बनाकर चलते बनी। तनुश्री सरकार 21 रन बनाकर आउट हुई। टीम की तरफ से प्रियंका बाला के अलावा कोई ज्यादा रन नहीं बना सका। उनके बल्ले से 74 गेंदों पर 42 रन निकले, जिसमें 6 चौके शामिल रहे। इस तरह मध्य प्रदेश की टीम को जीत के लिए 137 रन का लक्ष्य मिला। इसके जवाब में मध्य प्रदेश की टीम की तरफ से अनुष्का ब्रिज मोहन शर्मा ने 102 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 69 रन की पारी खेली। इस दौरान उनकी पारी में 9 चौके शामिल रहे। उनके अलावा टीम की तरफ से अनन्या दुबे ने 63 गेंदों पर 27 रन बनाए। वहीं, आयुषी शुक्ला ने 30 रन की नाबाद पारी खेली। इस तरह मध्य प्रदेश की टीम को 92 गेंद बाकी रहते हुए 7 विकेट से जीत मिली।
मैच में भोपाल की त्रिमूर्ति का योगदान
भोपाल की राहिला फिरदौस की कप्तानी में मप्र की लड़कियां सीनियर वीमेंस वनडे टूर्नामेंट में चैम्पियन बनी हैं। मप्र 30 साल बाद चैम्पियन बना है। इससे पहले मिनौती देसाई की कप्तानी में मप्र टीम ने खिताब जीता था। मैच में उपकप्तान सौम्या तिवारी और कोच श्वेता मिश्रा थी। एक तरफ कप्तान राहिला ने कुशल नेतृत्व किया वहीं सौम्या तिवारी ने शानदार बल्लेबाजी की। कोच श्वेता मिश्रा ने टीम को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।
चुनौती को स्वीकार किया और चैंपियन बनेः राहिला फिरदौस
टीम की कप्तान राहिला फिरदौस ने कहा कि यह टूर्नामेंट मेरे लिए यादगार रहा है। पूरी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। पहली बार कप्तानी करने का मौका मिला है, वो भी इतने बड़े टूर्नामेंट में, कोच के दिशा निर्देश का मैदान में सही तरीके से पालन किया गया। टीम के सभी खिलाडियों ने अपनी जिम्मेदारी समझकर प्रदर्शन किया। मौजूद कप्तान के चोटिल होने के बाद मुझे यह बड़ा दायित्व मिला था, मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया और हम चैंपियन बने।
सात साल कोचिंग का अनुभव काम आयाः श्वेता मिश्रा
मप्र टीम की कोच श्वेता मिश्रा ने बताया कि पिछले पांच छह माह से इसकी तैयारी में हम जुटे थे। इसके अलावा मप्र की अंडर 23 टीम की कोच हूं। इसलिए टीम के साथ अच्छा संयोजन बन गया। कप्तान और पूरी टीम ने अच्छी तरह से अपनी योजना और तरीकों को मैदान में लागू किया। श्वेता ने बताया कि 15 सालों तक मप्र के लिए 100 से अधिक मुकाबले खेले हैं। पिछले सात सालों से कोचिंग में हाथ आजमा रही हूं, यही मेरे काम आया।
मेरा फोकस भारतीय टीम में स्थान बनाने परः सौम्या तिवारी
देश की उभरती खिलाड़ी सौम्या तिवारी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. भारत की अंडर 19 महिला वर्ल्ड कप विजेता टीम सदस्य रही सौम्या अंडर 19 और अंडर 23 की विजेता टीम की कप्तान रही हैं। सौम्या इस टूर्नामेंट में बतौर उपकप्तान और विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेली और 244 रन बनाए। सौम्या ने इस जीत पर कहा कि हम पूरी योजना के साथ खेल रहे थे, अब देश की टीम में स्थान बनाने का प्रयास करूंगी।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट
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