राजस्थान में दो से ज्यादा बच्चों वाले लोग सरकारी नौकरियां नहीं कर सकेंगे। दरअसल यह पूरा मामला राजस्थान सरकार से जुड़ा है, लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सकार के दो से अधिक बच्चेु वालों को सरकारी नौकरी न देने के नियम को सही ठहराते हुए मुहर लगा दी
क्या है पूरा मामला
यह मामला राजस्थान के रामजी लाल जाट के सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य ठहराने पर उठा। रामजी लाल जाट ने 31 जनवरी 2017 को सेना से रिटायर होने के बाद राजस्थान पुलिस में आवेदन किया। जिसके बाद उनकी उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस ने अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 24(4) को आधार बनाकर खारिज कर दिया गया। इस नियम के तहत कहा गया है कि कोई भी ऐसा अभ्यर्थी सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए योग्य नहीं माना जाएगा, जिनके 1 जून 2002 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चे हों। जिसके बाद उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के नियम को सही ठहराया, जिसके बाद रामजी लाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नियम संविधान के दायरे से बाहर
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के 12 अक्टूबर 2022 के निर्णय को सही ठहराया और पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्गीकरण का फैसला जो दो से अधिक बच्चे होने पर अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित करता है, वह गैर भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर है, क्योंकि इस नियम के पीछे का ध्येय परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी देने से मना करना भेदभावपूर्ण नहीं है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के ये नियम पॉलिसी के दायरे में हैं इसलिए इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी पंचायत चुनाव के मामले में दो से अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी।
सन्दर्भ स्रोत : खबरिस्तान
Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *