पूरी दुनिया में बसे भारतीय मूल के लोग विदेशी धरती पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। इस काम में इंदौर की बेटियां भी पीछे नहीं हैं। उनके काम से इंदौर का नाम विदेशों में भी गूंज रहा है। कोई भारतीय व्यंजन की महक से तो कोई ग्रीनरी के साथ अपना नाम कमा रही हैं। अपने स्टार्ट अप के जरिये वे विदेशों में अपनी ख़ास पहचान बना रही हैं।
इंदौर की साहिबा पाटनी के प्रयासों से अब लंदन में अचार, पापड़, तेल-मसाले सहजता से उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, जिस चीज के लिए पहले जहाँ बहुत भटकना पड़ता था, अब कुछ मिनटों में में ही आसानी से लोगों को मिल जाती हैं। करीब सवा साल पहले शुरू हुआ साहिबा का ‘वीडिलीवर’ स्टार्टअप आईओएस के डाउनलोड होने वाले एप में टॉप-100 में शामिल हो गया है। लंदन में उनका यह एप 48 हजार 280 बार डाउनलोड हो चुका है। साहिबा के साथ इस एप के लिए इंदौर के ही आईटी पार्क स्थित सिस्टेंगो की 18 लोगों की टेक्निकल टीम यहीं से काम कर रही है।
बता दें कि वर्ष 2014 में एमएससी (फाइनेंस) के लिए साहिबा ने लंदन का रुख किया और फिर पीएचडी की। वे बताती हैं, दरअसल मैंने महसूस किया कि यहां भारतीय स्टोर्स तो बहुत हैं लेकिन, एक जगह सभी सामान नहीं मिलने से लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके बाद मैंने भारत में ऑनलाइन डिलीवरी वालों से सम्पर्क किया। उनका काम समझने के बाद मुझे ‘वीडिलीवर’ का आइडिया आया। हमने आठ महीने में एप तैयार किया और अप्रैल 2023 में ऑनलाइन काम शुरू कर दिया। आज हम देसी घी, ऑर्गेनिक सब्जियां, तेल-मसाले आदि उत्पाद 110 डिलिवरी बॉयज के जरिए 60 मिनट के अंदर पूरे लंदन में उपलब्ध करवा रहे हैं। एक डिलीवरी में डेढ़ से दो पाउंड लगता है जो टैक्सी की तुलना में बहुत कम है।
अमेरिका में उपयोग हो रहा इंदौर का एप
इसी तरह अमेरिका में ग्रीनजीन एप माध्यम से इंदौर की अशिता जैन काम कर रही हैं। इसके माध्यम से इंदौर के करीब 2 लाख पेड़ों का रिकॉर्ड दर्ज किया जा चुका है। एप की सुविधाएं निःशुल्क हैं और कोई भी पौधा रोपने से लेकर पेड़ के बड़े होने तक इसकी जानकारी फोटो और लोकेशन के साथ सहेज सकता है। अशिता ने बताया कि हम हरियाली बढ़ाने का तो काम कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ यह भी जरूरी है कि इसके रिकॉर्ड डिजिटल रूप पर मौजूद रहे। जब हम कार्बन क्रेडिट का दावा करेंगे तो उस समय रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा। इस एप की खासियत यह है कि इसमें पेड़ के बड़े होने के चित्र सहेज कर रखे जा सकते हैं तथा इसकी लोकेशन दूसरों को भेज सकते हैं।
लंदन में भारतीय खाने की महक बिखेर रहीं शिवानी
पढ़ाई के लिए लंदन गईं इंदौर की शिवानी मेहरा ने अपने घर के भोजन को बहुत याद किया। वे अपनी पसंद का भोजन जहाँ-तहां खोजती थीं। पढ़ाई पूरी होने के बाद वहां जॉब किया, प्रोजेक्ट मैनेजर बनीं, लेकिन भारतीय स्वाद की याद आती रही। इसी सोच को शक्ल देने के लिए उन्होंने खुद खाना बनाना शुरू किया और उसे डिलीवर करने लगीं। वे बताती हैं पार्ट टाइम में शुरू किया यह काम लोगों की मांग के बाद कब फुल टाइम में बदल गया, पता ही नहीं चला। जो खाना खाता तारीफ किए बिना नहीं रहता। बेहतर स्वाद के लिए घर पर खुद मसाले तैयार करती हैं। अपनी माँ से टिप्स लेकर वे भोजन का स्वाद और गुणवत्ता बनाए रखती हैं। लंदन में इस काम को करते हुए उन्हें 2 साल हो गए हैं।
संदर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर
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