मद्रास हाईकोर्ट : दोबारा शादी करने वाली महिला

blog-img

मद्रास हाईकोर्ट : दोबारा शादी करने वाली महिला
का दिवंगत पति की संपत्ति में हक

चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अपने पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह करने वाली महिला हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अपने दिवंगत पति की संपत्ति में हिस्सा पाने की हकदार है

यह मामला तमिलनाडु के सलेम में एक संपत्ति विवाद से शुरू हुआ था, जहां मल्लिका नाम की एक महिला ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसे उसके दिवंगत पति चिन्नैयन की संपत्ति में हिस्सा देने से मना कर दिया गया था चिन्नैयन की मृत्यु के बाद मल्लिका ने दूसरी शादी कर ली थी

सलेम जिला न्यायालय ने मल्लिका के दावे को खारिज कर दिया था इसमें उसके पुनर्विवाह को उसके दिवंगत पति की संपत्ति में उत्तराधिकार से वंचित करने का कारण बताया गया था हालांकि, हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत महिला को अपने पति की संपत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार है, चाहे वह दोबारा शादी करे या नहीं

फैसले के मुख्य बिंदु

पुनर्विवाह उत्तराधिकार पर रोक नहीं लगाता: न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो पुनर्विवाह के आधार पर किसी महिला को अपने पति की संपत्ति में उत्तराधिकार पाने से वंचित करता हो

अधिनियम में संशोधन: न्यायालय ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम में एक विशिष्ट प्रावधान था, जो पहले पुनर्विवाहित महिलाओं को अपने पति की संपत्ति में उत्तराधिकार पाने से रोकता था, जिसे 2005 में निरस्त कर दिया गया

उत्तराधिकार में समानता: निर्णय उत्तराधिकार में समानता के सिद्धांत को बरकरार रखता है तथा महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देता है यहां तक ​​कि पुनर्विवाह करने वाली महिलाओं को भी अपने मृत पति की संपत्ति में उत्तराधिकार प्राप्त करने का अधिकार देता है

न्यायालय के इस निर्णय से भारत में महिलाओं के संपत्ति अधिकारों पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है खासकर उन महिलाओं पर जो अपने पहले पति की मृत्यु के बाद दोबारा विवाह करती हैं. यह लैंगिक समानता और महिला अधिकारों को बढ़ावा देने वाले कानूनों की प्रगतिशील व्याख्या के अनुरूप है

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट 

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक , पति-पत्नी का अलग रहना मानसिक क्रूरता

हाईकोर्ट ने कहा -47 साल का रिश्ता टूटा, पत्नी को 10 लाख देना होगा, तलाक की अर्जी मंजूर

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी , करने वाली माँ से छीनी बच्चे की  कस्टडी

कोर्ट ने फैसले में कहा- महिला सहानुभूति की हकदार नहीं, अब दादा के पास रहेगा पोता

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता

न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और पति की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गुजारा भत्ता देने की क्षमता को स्वीका...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी , के वादे पर संबंध बनाए तो यह व्यभिचार

कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह का वादा अगर किसी अविवाहित महिला से किया जाए, तब वह समझ में आता है लेकिन जब महिला पहले से विव...

बॉम्बे हाईकोर्ट : विधवा को ससुराल में रहने का
अदालती फैसले

बॉम्बे हाईकोर्ट : विधवा को ससुराल में रहने का , अधिकार, वंचित करना घरेलू हिंसा के बराबर

विधवा को घर से निकालना सिर्फ अन्याय नहीं, शोषण भी है – कोर्ट की नागपुर बेंच ने ऐसा क्यों कहा

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को , हथियार के रूप में इस्तेमाल करना क्रूरता

कोर्ट ने माना कि नाबालिग बच्चे को जानबूझकर माता-पिता से अलग करने की कोशिश न सिर्फ मनोवैज्ञानिक क्रूरता है, बल्कि यह तलाक...