बिना सीखे पांच वाद्य यंत्र बजा लेती हैं भोपाल की दृष्टि गुप्ता

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बिना सीखे पांच वाद्य यंत्र बजा लेती हैं भोपाल की दृष्टि गुप्ता

छाया : दृष्टि गुप्ता के फेसबुक अकाउंट से 

• बांसुरी, गिटार, हारमोनियम, सिंथेसाइजर और वायलिन बजा लेती हैं दृष्टि, बैडमिंटन में जीते हैं पुरस्कार

भोपाल। कोई भी वाद्य यन्त्र (म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट) बजाना आसान नहीं होता। एक वाद्य यंत्र सीखने में ही बरसों की साधना लगती है, लेकिन भोपाल की दृष्टि गुप्ता हारमोनियम, वायलिन, बांसुरी, गिटार, सिंथेसाइजर और बॉन्गो बखूबी बजाती हैं। ख़ास बात यह कि हारमोनियम के अलावा उन्होंने किसी से प्रशिक्षण नहीं लिया। अपनी लगन से अभ्यास करते हुए गाना-और वाद्य यंत्रों को बजाना सीखा। इतना ही नहीं, वे बैडमिंटन की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी हैं। संगीत और खेल दोनों ही क्षेत्रों में दृष्टि को कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।

नानी भी बजा लेती थीं पांच वाद्य यन्त्र 

संगीत में रुचि तब शुरू हुई जब 7 साल की उम्र में उनकी नानी ने हारमोनियम बजाना सिखाया। धीरे धीरे संगीत में उनकी रुचि बढ़ती गई। उनके मन में इससे कहीं ज्यादा सीखने की इच्छा हुई। बस इसी जुनून के चलते कुछ समय बाद उन्होंने बांसुरी बजाई तो लगा खुद से ही सीख सकती हूं। इसके बाद सिंथेसाइजर, गिटार आदि भी उन्होंने खुद से बजाना सीखा। दृष्टि ने यूट्यूब पर पं. हरिप्रसाद जी के वीडियो देखकर बांसुरी बजाना सीखा। वे बताती हैं मेरी नानी भी किसी कलाकार से कम नहीं थीं, वे पांच म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बजा लेती थी। मेरे नाना आर्मी में फुटबॉल प्लेयर थे। शायद नाना-नानी दोनों के ही गुण मुझमें आ गए।

लोगों से मिले प्रोत्साहन से बढीं आगे 

दृष्टि ने बताया कि अकसर बांसुरी जैसा वाद्य यंत्र लड़कियां कम ही बजाती हैं, ऐसे में जब मैंने इसे सीखा और लोगों के सामने बजाना शुरू किया तो सभी ने इसे काफी पसंद किया। उसके बाद से मैं लगातार वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करती रही। इस दौरान मैंने कॉलेज कार्निवाल, ओपन माइक, इंटर कॉलेज सहित अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया।

खेलों में भी महारत हासिल

वर्तमान में डीपीएस स्कूल में बैडमिंटन कोच के रूप में कार्यरत दृष्टि ने नेशनल और स्टेट लेवल की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की महिला टीम की कैप्टन रह चुकी दृष्टि ने विश्वविद्यालय स्तर की प्रतियोगिताओं में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता दीपंकर गुप्ता और मां अजंता गुप्ता को देती हैं। मां पुलिस इंस्पेक्टर हैं, जिन्होंने हमेशा खेल के लिए प्रोत्साहित किया।

दृष्टि ने संगीत और खेल में कई पुरस्कार जीते हैं। उनमें मल्टीटैलेंटेड कैटेगरी में सुपर बुमन 2020 अवॉर्ड, टीटी नगर स्टेडियम में हुए ओलंपिक स्टेट्स की विनर, ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नेशनल रिकॉर्ड (6 वाद्य यंत्रों पर गाना बजाकर) आदि शामिल हैं।

सन्दर्भ स्रोत : दृष्टि गुप्ता द्वारा प्रेषित सामग्री

 

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