छाया : स्व संप्रेषित
भोपाल की 55 वर्षीय पर्वतारोही ज्योति रात्रे ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) के हाई कैंप (3,780 मीटर) तक पहुंचकर एक बड़ा मुकाम हासिल किया। अत्यधिक ठंड (-52 डिग्री सेल्सियस) में विपरीत परिस्थितियों में सुरक्षा संबंधी कड़े नियमों के कारण उन्हें अंतिम चढ़ाई से पहले वापस लौटना पड़ा, लेकिन उनका यह प्रयास साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। ज्योति 14 दिसंबर को मुंबई से अंटार्कटिका के लिए रवाना हुई थीं। ज्योति ने कड़ी ठंड और तेज बर्फीली हवाओं के बीच इस कठिन चढ़ाई का सामना किया।
दुर्गम रास्ते और कठिन चुनौतियां
ज्योति रात्रे का हाई कैंप तक का ये सफर शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। क्योंकि बेस कैंप से लो कैंप तक 10 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए। 25 किलो वजनी स्लेज खींचना थी एवं 15 किलो वजनी बैग पीठ पर ले कर जाना था। इसके पश्चात लो कैंप से हाई कैंप तक का सफर और भी कठिन रहा। सभी को कट-ऑफ टाइम के भीतर रस्सियों के सहारे चढ़ाई करनी थी। लगभग 50 से 60 डिग्री की ढलान पर, उन्होंने 1,200 मीटर का एलिवेशन पार किया, जहां तेज ठंडी हवाएं और -40 डिग्री सेल्सियस का तापमान चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।
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सात शिखरों में से पांच पर कर चुकी है विजय प्राप्त
ज्योति रात्रे पहले ही सात शिखरों में से पांच शिखरों पर विजय प्राप्त कर चुकी हैं। इनमें माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट एल्ब्रुस (यूरोप), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका) तथा माउंट कोसिउज्को (ऑस्ट्रेलिया) शामिल हैं।
सन्दर्भ स्रोत : ज्योति रात्रे
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