छाया: प्रो. सविता दीक्षित
• त्वचा कैंसर में रामबाण दवा को मिला पेटेंट
• 16 सप्ताह में एलोवेरा, गिलोय... की दवा से चूहों का मर्ज कम
• प्रोफेसर और उनके शोधार्थियों के नाम 8 पेंटेंट
भोपाल। कैंसर...एक लाइलाज बीमारी। जिसका नाम सुनते ही पैरों तले जमीन खिसक जाती है। ऐसा लगता है मानो, सब तबाह हो गया। इसी का एक प्रकार है त्वचा कैंसर। इसके इलाज को चुनौती मानकर दो साल पहले हर्बल दवाई तैयार करने के लिए शोध की पहल की मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के केमेस्ट्री डिपार्टमेंट ने की। प्रो. सविता दीक्षित ने शोधार्थी डॉ. हुमा कुरैशी के साथ पेड़-पौधों के तत्वों के सत (एक्स्ट्रेक्ट) निकालकर प्रयोग किए। उनकी मेहनत रंग लाई और स्किन कैंसर के इलाज के लिए हर्बल कम्पोजिशन तैयार हो गया। इस दवा को दक्षिण अफ्रीका से पेटेंट भी मिल गया
इन वनस्पतियों का इस्तेमाल
प्रो सविता दीक्षित ने बताया, कैंसर के ट्यूमर त्वचा (स्किन) के नीचे होते हैं। इन्हें खत्म करने के लिए भारतीय मूल की वनस्पतियों से तत्व निकालकर मिश्रण तैयार किए गए। लैबोरेटरी स्केल पर हर्बल फॉर्मुलेशन बनाने के लिए एलोवेरा, गिलोय, नीम, गेहूं के जवारे (वीट ग्रास) और श्यामा तुलसी के आसवन से सत निकाले गए।
ये है फॉर्मुलेशन
वनस्पति - मिश्रण
एलोवेरा - एलोइन
गिलोय - स्टिग्मा स्टिरॉल
नीम - पामेटीन
गेहूं जवारे - रूटीन
श्यामा तुलसी - क्योरसिटीन
सन्दर्भ स्रोत- प्रो. सविता दीक्षित द्वारा प्रेषित
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