भोपाल। कर्नाटक में पिछले दिनों नेशनल केनो सलालम में भोपाल की तीन चचेरी बाथम बहनों मानसी, सानिया और जानवी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किये। तीनों ने टीम इवेंट में यह पदक जीता है। उल्लेखनीय है कि टीम इवेंट में एक साथ तीनों खिलाड़ियों को तेज बहाव वाले व्हाइट वाटर में 21 गेट से अप- डाउन करना होता है। अगर एक का एक गेट भी मिस हुआ तो तीनों के पाइंट कटते हैं। ऐसे साहस और संतुलन के खेल में तीनों ने एक जैसा प्रदर्शन किया और स्वर्ण जीता है।
तीनों छोटी झील में कोच कुलदीप सिंह कीर के मार्गदर्शन में इस खेल का प्रशिक्षण ले रही तीनों बहनें 12वीं की छात्राएं हैं. इन सभी ने दो साल पहले ही इस खेल को शुरू किया है। तीनों बहनों का पानी से पुश्तैनी नाता है, इसलिए इस खेल को समझने में उन्हें ज्यादा समय नहीं लगा।
एशियन में कांस्य पदक जीत चुकी हैं मानसी
मानसी बाथम पहले एशियन केनो सलालम में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। उनके नाम ‘खेलो इंडिया’ में भी एक स्वर्ण है। रेहटी नेशनल, मालावार नेशनल में वह क्रमशः रजत और कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं। मानसी बताती हैं कि किसी भी टूर्नामेंट में भागीदारी करने के लिए दो-तीन दिन पहले जाना पड़ता है ताकि वहां के बहाव के हिसाब से तैयारी कर सकें। क्योंकि हम अभ्यास फ्लैट वॉटर में करते हैं। मानसी ने अपना बचपन पिता राजेश बाथम के साथ नाव में बिताया। वह रोज सुबह 6 से 9 बजे तक पिता के साथ मछली पकड़ती थीं। इस दौरान तैराकी का हर गुर खुद ही सीख लिया। वर्ष 2017 में हार्ट अटैक से पिता की मौत के बाद भी मानसी की हर शाम तालाब किनारे बीतती थी। मानसी को उनके भाई ने कैनो सलालम खेलने के लिए प्रेरित किया।
सानिया का पांचवां स्वर्ण पदक
सानिया बाथम का यह पांचवां स्वर्ण पदक हैं। इससे पहले वह अलग-अलग इवेंट में स्वर्ण जीत चुकी हैं। छोटी झील में पहले घर के पीछे ही अभ्यास करने वाली सानिया बताती हैं कि हम चूंकि तलाब के किनारे ही रहते हैं, इसलिए पानी से डर बचपन में ही निकल गया था, हम बहनें तभी तैरना सीख गए थे। हमने तैरना भी एक साथ ही सीखा। फिर क्लब भी एक साथ ज्वाइन किया और अब पदक भी साथ ही जीत रहे हैं।
जानवी ने एक ही इवेंट में तीन पदक जीते
आईईएस पब्लिक स्कूल रातीबड़ में अध्ययनरत जानवी ने टीम इवेंट में एक स्वर्ण और एक रजत जीतने के अलावा एक रजत पदक व्यक्तिगत में भी जीता है। वे तीन इवेंट में उतरी थी और तीनों में ही उन्होंने पदक हासिल किये। इससे पहले वे थाईलैंड गई थी, जहां एशियन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। वे बताती हैं वाटर स्पोर्ट्स ही मेरा करियर है और इसी में आगे बढ़ना है।
संदर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर
संपादन : मीडियाटिक
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