छाया : वंदना ठाकुर के फेसबुक अकाउंट से
इंदौर की महिला बॉडी बिल्डर वंदना ठाकुर इंडोनेशिया में होने वाली एशिया वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। पिछले दिनों पुणे में हुए सिलेक्शन ट्रॉयल्स में देश के विभिन्न राज्यों की खिलाड़ियों को वंदना ने पराजित किया। वे दूसरी बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। पिछले साल उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीता था।
संघर्षों से भरा रहा जीवन
वंदना जब बहुत छोटी थी तब कारगिल युद्ध में उनके पिता शहीद हो गए थे, उसके बाद मां को कैंसर हुआ और वे भी नहीं रहीं। घर में वंदना अकेली ही लड़की थी, इसके बाद जैसे-तैसे पढ़ाई हुई। अपनी पढ़ाई के लिए उन्हें छोटी सी गुमठी भी चलानी पड़ी। दसवीं तक की पढ़ाई की और उसके बाद क्रिकेट खेलने का शौक लगा, लेकिन किट के पैसे नहीं थे, तो छोड़ना पड़ा। फिर कराटे में नेशनल गोल्ड जीता, इंटरनेशनल में चयन हुआ, पर पैसे की कमी ने उसे छोड़ने पर मजबूर किया। फिर जिम ज्वॉइन कर पॉवर लिफ्टिंग की। लोग मजाक उड़ाते थे, लेकिन हार नहीं मानी और आगे बढ़ती गई।
पावर लिफ्टिंग में वंदना ने अंडर 55 वेट कैटेगरी में जिला, राज्य और नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। इंटरनेशनल पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। फिर लिगामेंट इंजरी हुई तो बॉडी बिल्डिंग शुरू कर दी और इंटर नेशनल बॉडी बिल्डिंग में इंडोनेशिया में हुई एशियन चैंपियनशिप में 55 कैटेगरी में रजत पदक जीता। मालद्वीप में हुई वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में देश की एकमात्र महिला खिलाड़ी थी, जिन्होंने कांस्य पदक जीता।
सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर
संपादन : मीडियाटिक डेस्क
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