छाया:प्रीति अज्ञात
चर्चित लेखिका, ब्लॉगर प्रीति अज्ञात को हैदराबाद में 'लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइज़िंग अवॉर्ड्स' फॉर जेंडर सेंसिटिविटी 2022' (12वां संस्करण) प्रदान किया गया। 'पॉपुलेशन फर्स्ट' एवं यूएनएफपीए (संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'लाडली मीडिया अवॉर्ड्स' में जेंडर सेंसिटिविटी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने वाले मीडियाकर्मियों को पुरस्कृत किया जाता है। समसामयिक विषयों पर सक्रिय लेखन करने वाली प्रीति 'अज्ञात' को यह रीजनल पुरस्कार हिन्दी ब्लॉग श्रेणी में उनकी पोस्ट 'एक चिट्ठी, इस दुनिया की हर आयशा के नाम...' के लिए दिया गया। 2020 में भी उन्हें, उनके संपादकीय के लिए 'लाडली मीडिया अवॉर्ड' से नवाजा गया था। गुजरात साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत लेखिका प्रीति अपने लेखन एवं ब्लॉगिंग के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। प्रीति अज्ञात की जन्मस्थली भिंड (म.प्र.) है तथा उन्होंने भिंड एवं ग्वालियर से शिक्षा ग्रहण की है।
2 नवंबर को मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के डी.डी.ई ऑडिटोरियम में हुए इस भव्य आयोजन का प्रारंभ रेनबो होम (अमन वेदिका) के बच्चों की अद्भुत प्रस्तुति से हुआ। उसके बाद पॉपुलेशन फर्स्ट की निदेशक डॉ. ए.एल.शारदा ने अपना गरिमामयी उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी, पद्मश्री सुनीता कृष्णन, ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर गेरथ विन ओवेन, शक़ील अहमद जी ने मंच की शोभा बढ़ाई। भारत में यूएनएफपीए के प्रतिनिधि श्रीराम हरिदास इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति, प्रोफेसर सैयद एनुल हसन ने की। पुरस्कार वितरण के मध्य सुप्रसिद्ध, बहुमुखी प्रतिभा की धनी लेखिका एवं आकाशवाणी की पूर्व कार्यक्रम अधिकारी एन. शारदा. श्रीनिवासन को ' लाडली लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। आमंत्रित अतिथियों ने सभी विजेताओं को बधाई एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के अंत में वारसी ब्रदर्स की कव्वाली ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
'पॉपुलेशन फर्स्ट' द्वारा 56 सदस्यीय निर्णायक मण्डल की 30 बैठकों के बाद, 76 विजेताओं का इस प्रतिष्ठित मीडिया पुरस्कार एवं 35 का ज्यूरी एप्रीसिएशन के लिए चयन किया गया। अत्यंत सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित इस कार्यक्रम में 13 भाषाओं के लिए पुरस्कार प्रदान किये गए।
संदर्भ स्रोत: प्रीति अज्ञात
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