कोर्ट ने बेटी की कस्टडी पिता को सौंपने से किया इनकार, कहा - धर्म सर्वोपरि नहीं, बच्चे की भलाई ज्यादा अहम
कोर्ट ने कहा – यह वैवाहिक संबंध तोड़ने के लिए पर्याप्त
कहा- शादी पवित्र बंधन, दोनों ने विवाह किया, सुखी जीवन में खलल नहीं डाल सकते
कोर्ट ने कहा- दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चों को संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता. यह फैसला भविष्य में ऐसे कई विवादों को खत्म करने...
कहा – पति का यह व्यवहार वैवाहिक जीवन में दरार डालने के लिए पर्याप्त
सुप्रीम कोर्ट का यह स्पष्टीकरण सुनिश्चित करता है कि तलाक के मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन हो।

 
 





