कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पति और पत्नी दोनों उच्च शिक्षित हैं, ऐसे में इस आरोप के आधार पर तलाक को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि निचली अदालत ने कैसे निष्कर्ष निकाला कि कोई यौन उत्पीड़न हुआ था, जबकि पीड़िता स्वेच्छा से आरोप...
पीठ ने कहा, ‘‘विवाह आपसी विश्वास, साहचर्य और साझा अनुभवों पर बना एक रिश्ता है. जब ये आवश्यक तत्व लंबे समय तक गायब रहते हैं तो वैवा...
43 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आया हाईकोर्ट का फैसला
पति ने पत्नी पर विवाहेतर संबंधों का आरोप लगाया. पति के तलाक की अपील निचली अदालत ने खारिज की.
हाईकोर्ट की एकलपीठ के बाद अब खंडपीठ ने भी विवाहित बेटी को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति का हकदार मान लिया।