छाया : रीना गुर्जर के फेसबुक अकाउंट से
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस की महिला आरक्षक रीना गुर्जर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। अमेरिका के अलबामा स्थित विनीपेग में (America Alabama Winnipeg) आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स (World Police & Fire Games 2025) में रीना ने कराते और काता स्पर्धाओं में (Karate and Kata competitions) दमदार प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक अपने नाम किए।
उनकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन ने यह सिद्ध कर दिया है कि पुलिस बल की बेटियां भी वैश्विक मंचों पर उत्कृष्टता का परिचय दे सकती हैं। रीना ने कराते और काता दोनों ही श्रेणियों में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए विपक्षियों को कड़ी टक्कर दी और फाइनल मुकाबलों में रजत पदक प्राप्त किया। यह प्रतियोगिता विश्वभर के पुलिस और अग्निशमन बलों के प्रतिभागियों के लिए आयोजित होती है, जहां शारीरिक क्षमता, खेल कौशल और अनुशासन की परीक्षा होती है।
मूल रूप से राजगढ़ की रहने वाली भोपाल निवासी रीना गुर्जर ने मध्यप्रदेश पुलिस की पहली महिला खिलाड़ी के रूप में यह उपलब्धि हासिल की है। उक्त प्रतियोगिता में 75 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। रीना ने ब्राजील और फिलीपींस की प्रतिद्वंद्वियों को हराकर ये पदक हासिल किए।
रीना वर्तमान में भोपाल के टीटी नगर थाने के यातायात विभाग में पदस्थ है। इसके साथ ही वह खेल और युवा कल्याण विभाग (Department of Sports and Youth Welfare) से अटैच है और कराते की एसोसिएट मेंबर (Associate Member of Karate) भी है। वे बताती है कि सुबह-शाम वह स्वयं ही टीटी नगर स्टेडियम में अभ्यास करती हैं। हालांकि ड्यूटी के साथ खेल को समय देना मुश्किल होता है, लेकिन जब लक्ष्य साफ हो तो रास्ते भी मिल जाते हैं।
चार अंतरराष्ट्रीय पदकों की विजेता : रीना अब तक वर्ल्ड पुलिस गेम्स में कुल चार पदक जीत चुकी है, जिसमें एक स्वर्ण और तीन रजत पदक शामिल है। वह लगातार 12 वर्षों से मध्यप्रदेश के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रही है।
आसान नहीं रहा रीना का सफल : रीना का सफर आसान नहीं रहा। बचपन में ही पिता का साया उठ गया था, मां ने अकेले लालन-पालन किया। उन्होंने 2009 से 2012 के बीच मध्यप्रदेश मार्शल आर्ट्स एकेडमी (Madhya Pradesh Martial Arts Academy) से ट्रेनिंग (Martial Arts Training) ली। इस दौरान कोच जयदेव शर्मा ने उन्हें प्रशिक्षित किया। रीना कहती हैं, 'एकेडमी में मैंने बहुत कुछ सीखा। अब मैं उसी एकेडमी में कोच के तौर पर काम कर रही हूं।' परिवार के साथ-साथ वो पुलिस फोर्स को भी अपनी सफलता का श्रेय देती हैं। वो कहती हैं कि अगर विभाग सहयोग नहीं करता तो वो ये पदक नहीं जीत पाती। रीना का मानना है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेना चाहिए। खेल महिलाओं को आत्मबल देता है, अनुशासन सिखाता है और समाज में नई पहचान भी दिलाता है।
सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न समाचार पत्र/वेबसाइट
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