छाया : झाबुआ कलेक्टर के ट्विटर अकाउंट से
झाबुआ जिले में कलेक्टर नेहा मीना की पहल पर महिलाओं की भागीदारी से पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू हुआ “मातृधरा अभियान (नारी शक्ति से प्रकृति को शक्ति)” में घरेलू महिलाओं से लेकर स्कूली छात्राओं की सहभागिता से एक माह में आश्चर्यजनक परिणाम सामने आये हैं। महज एक माह में महिलाओं ने 15 हजार से ज्यादा पौधे रोपकर हरितक्रांति में अपना योगदान दिया।
झाबुआ के खांडियाखाल एक्सीलेंस प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका ने अपनी बेटी सयोनी काछवा के नाम से स्कूल में पौधरोपण किया और उसे पौधे की देखभाल का संकल्प दिलाया। इसी तरह महाशक्ति महिला मंडल राणापुर की सदस्य वैशाली अग्रवाल ने 'गिफ्ट ए प्लांट थीम' में परिचितों को पौधे उपहार में देकर उनकी देखभाल का संकल्प दिलाया। ऐसे ही अनूठे प्रयोगों से झाबुआ में 'नारी शक्ति से प्रकृति को शक्ति' दी जा रही है।
दरअसल, कलेक्टर नेहा मीना की पहल पर महिलाओं ने बीती 12 जुलाई से जिले में मातृ - धरा अभियान शुरू करने का फैसला किया जिसमें महिलाएं अब तक 15 हजार पेड़ लगा चुकीं हैं। यह सरकारी आयोजन नहीं था। बस महिलाओं ने बात की और अभियान चल पड़ा। महिलाओं ने मंदिर में आंवला, बेल, पीपल, तो स्कूलों-पार्कों में छायादार, फलदार पौधे लगाए हैं।
इस तरह बढ़ा अभियान - जिले की हर महिला को अभियान की जानकारी देने के लिए स्कूल-कॉलेजों और सार्वजनिक कार्यक्रमों, बैठकों में यह बात बताई गई। छात्राओं ने पौधे लगाने से पर्यावरण सुरक्षा थीम पर पोस्टर, मॉडल बनाए। महिला मंडलों ने प्रकृति आधारित भजन गाए, नुक्कड़ नाटक किए।
बच्चों को दिला रहीं ऑनरशिप - इस अभियान में महिलाएं पुरानी और नई पीढ़ी को भी जोड़ रही हैं। बच्चों के नाम पर पौधे लगाकर उनको ऑनरशिप दिला रही हैं। बच्चे रोज पौधे की सुरक्षा पर चर्चा करते हैं।
कलेक्टर नेहा कहती हैं “मातृशक्ति से सब संभव है। मतदाता जागरुकता अभियान में महिलाओं की सहभागिता से विचार आया कि प्रकृति की रक्षा के लिए भी नारी शक्ति का साथ लिया जा सकता है।"
सन्दर्भ स्रोत : पीपुल्स समाचार पत्र
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