छाया : नवाब जहां बेगम के फेसबुक अकाउंट से
भोपाल की युवा कलाकार नवाब जहां बेगम ने दुबई के प्रतिष्ठित साहित्य-कला को समर्पित ताहबीब फेस्टिवल 2025 में अपनी कला का प्रदर्शन कर भोपाल नाम रोशन किया। दुबई के इंडिया क्लब में 29 नवंबर से शुरू हुए इस फेस्टिवल में उनकी चुनिंदा छह पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें परंपरा, इतिहास और आधुनिक संवेदनाओं का अनूठा समन्वय देखने को मिला।
नवाब जहां ने बताया कि उनकी पेंटिंग की प्रदर्शनी आने वाले दिनों में पेरिस में भी होने वाली है। उन्होंने पेंटिंग पर कहा कि वह ऑब्स्ट्रैक्ट पर कैलीग्राफी करती हैं जिसमें हिंदी और उर्दू दोनों भाषाएं शामिल हैं। फेस्टिवल के दौरान नवाब जहां ने जावेद अख्तर की मशहूर शायरी 'क्यों डरें, जिंदगी में क्या होगा, कुछ नहीं होगा तो तजुर्बा होगा' पर लाइव कैलीग्राफिक पेंटिंग तैयार की, जिसे देखकर जावेद अख्तर बेहद प्रभावित हुए।
चाकू की नोक से बनाई पेंटिंग
नवाब जहां बेगम अपने हिंदी-उर्दू कैलीग्राफी, गोंड और मांडना शैली के अनूठे मिश्रण और प्योर गोल्ड के उपयोग के लिए जानी जाती हैं। अपने छह साल के करियर में वे एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं- उन्होंने सोने से चाकू की नोक से एक पेंटिंग तैयार की थी, जो विश्व स्तर पर चर्चित हुई। नवाब जहां ने कहा, 'दुबई जैसे वैश्विक मंच पर भारतीय कला को प्रस्तुत करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह भोपाल की कला-परंपरा का सम्मान है। फेस्टिवल में कला प्रेमियों ने नवाब जहां की कृतियों को 'भारतीय संवेदना की आधुनिक व्याख्या बताया।
सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर



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