उमरिया जिले के आदिवासी अंचल की महिलाओं

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उमरिया जिले के आदिवासी अंचल की महिलाओं
ने मुनगे की पत्तियों को बनाया कमाई का जरिया

छाया : नव दुनिया 

 पेड़ पर पैसे उगने की कहावत सबने सुनी होगी, लेकिन अपने परिश्रम, धैर्य और सूझबूझ से इस कहावत को सच कर दिखाया है मध्य प्रदेश के उमरिया जिले की महिलाओं ने। दरअसल, जबलपुर अंचल के उमरिया जिले में आदिवासी ग्रामीण अंचल की महिलाओं ने मुनगा (सहजन) उगा कर, उसकी पत्तियां बेचने के लिए कंपनियों से अनुबंध कर शानदार कमाई शुरू की है। 

मुनगे की पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होते हैं। सौ ग्राम मुनगा की पत्तियों में पांच ग्लास दूध के बराबर कैल्शियम होता है। इसके अलावा नींबू की तुलना में इसमें पांच गुना ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। बड़ी कंपनियां मुनगे की पत्ती से हर्बल सप्लीमेंट बनाती हैं। उमरिया में रहने वाली अर्चना सिंह ने अपने साथ कुछ सहयोगी महिलाओं को जोड़ा और मुनगा के पत्तों का संग्रहण कर उन्हें सुखाया। इन्होंने अनुबंध के आधार पर माइकल प्रोड्यूसर कंपनी को 200 किलो सूखी मुनगा पत्ती 70 रुपये किलो की दर से 14 हजार रुपये में बेची। जब इन्हें लाभ हुआ तो और महिलाएं जुड़ गई। इस तरह धीरे-धीरे 'पेड़ पर पैसे उगाने' का यह सिलसिला बढ़ता जा रहा है और महिलाएं आत्मनिर्भर होती जा रही हैं। 

मुसीबतों से लड़कर पाया मुकाम 

अर्चना सिंह का जन्म डिंडौरी जिले के ग्राम गाड़ासरई में गरीब परिवार में हुआ था। माता-पिता मजदूरी करके छह भाई-बहनों का पालन-पोषण करते थे। अर्चना ने बीए प्रथम वर्ष तक पढ़ाई की। आर्थिक स्थिति ठीक न होने से पढ़ाई रुक गई और उनकी शादी ग्राम औढ़ेरा निवासी सुनील सिंह से हो गई, जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। अर्चना सिंह 2019 में आरती आजीविका स्व सहायता समूह से जुड़ीं। आजीविका मिशन के नोडल अधिकारी ने उन्हें प्रश‍िक्षण के लिए भोपाल भेजा। फिर उन्होंने गांव में समूह के माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार की नई राह खोजी।

40 ग्राम पंचायतों की महिलाओं को लाभ

जिले में मुनगा (सुरजना) की खेती ने महिलाओं को मालामाल कर दिया है। उमरिया जिले के 40 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में महिला समूह मुनगा की खेती कर देश के पटल पर चमक बिखेर रही हैं. इन  ग्राम पंचायतों में लगभग तीन सौ महिलाओं को आर्थिक लाभ मिल रहा है। 

प्रशासन ने दी सही दिशा 

आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक प्रमोद शुक्ला ने बताया कि हॉर्टिकल्चर विभाग के सहयोग से अब तक 90 हजार से ज्यादा पौधे तैयार हैं। उन्हें जिले के पाली, करकेली, मानपुर में वितरित किया गया है। दूसरे जिलों की टीमें मुनगा मॉडल देखने पहुंच रही है। 

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न समाचार पत्र तथा वेबसाइट

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