पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट-सहमति से अलग होने की मांग खारिज

blog-img

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट-सहमति से अलग होने की मांग खारिज
होने के बाद क्रूरता के आरोप लगा नहीं मांग सकते तलाक

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तलाक की मांग को खारिज करने के फैमिली कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि सहमति से तलाक की मांग खारिज होने के बाद क्रूरता के आरोप के साथ हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 10 के तहत याचिका वैध नहीं है। यह सीधे तौर पर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग का मामला बनता है।

पठानकोट निवासी याची ने हाईकोर्ट में फैमिली कोर्ट के हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 10 के अनुसार न्यायिक पृथक्करण की याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने याचिका का अध्ययन कर पाया कि सेक्शन 10 के तहत याचिका खारिज होने से पहले दंपती ने आपसी सहमति से तलाक के लिए सेक्शन 13 के तहत याचिका दाखिल की थी जो खारिज की जा चुकी थी। हाईकोर्ट ने माना है कि हिंदू विवाह अधिनियम (एचएमए) की धारा 13 के तहत तलाक याचिका खारिज होने के बाद धारा 10 के तहत न्यायिक पृथक्करण के लिए याचिका दायर करना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका निर्णायक फैसले को अस्थिर करने के लिए अपीलकर्ता की चतुराई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि जब सेक्शन 13 में तलाक याचिका खारिज होने का निर्णय अंतिम हो चुका है तो सेक्शन 10 में जारी आदेश के खिलाफ अपील वैध ही नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि पक्षों की इस प्रकार की चतुराई के कारण अदालतों में मुकदमों की बाढ़ सी आ रही है। इन टिप्पणियों के साथ ही हाईकोर्ट ने याचिका को अवैध करार देते हुए इसे खारिज कर दिया।

सन्दर्भ स्रोत : अमर उजाला

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट : दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : दोस्ती दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है

आरोपी की जमानत याचिका रद करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

राजस्थान हाईकोर्ट : दूसरी शादी शून्य घोषित
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : दूसरी शादी शून्य घोषित , न होने पर भी महिला भरण-पोषण की हकदार

दूसरी शादी-मेंटेनेंस विवाद, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का आदेश पलटा  महिला के भरण-पोषण पर मामला वापस भेजा फैमिली कोर्ट में...

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक
अदालती फैसले

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट : लंबे समय तक , पति-पत्नी का अलग रहना मानसिक क्रूरता

हाईकोर्ट ने कहा -47 साल का रिश्ता टूटा, पत्नी को 10 लाख देना होगा, तलाक की अर्जी मंजूर

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : बिना तलाक लिए दूसरी शादी , करने वाली माँ से छीनी बच्चे की  कस्टडी

कोर्ट ने फैसले में कहा- महिला सहानुभूति की हकदार नहीं, अब दादा के पास रहेगा पोता

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी-बेटी को देना ही होगा गुजारा भत्ता

न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और पति की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गुजारा भत्ता देने की क्षमता को स्वीका...

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी
अदालती फैसले

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट : विवाहिता शादी , के वादे पर संबंध बनाए तो यह व्यभिचार

कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह का वादा अगर किसी अविवाहित महिला से किया जाए, तब वह समझ में आता है लेकिन जब महिला पहले से विव...