मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) भोपाल की एसोसिएट प्रोफेसर फौजिया जे. हक़ ने एक बार फिर शहर और संस्थान का नाम रोशन किया है। उन्हें लगातार छठी बार स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की कॉरपस मैगजीन में जारी दुनिया के शीर्ष 2% सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। यह सम्मान न केवल मैनिट बल्कि पूरे भोपाल के लिए गर्व का विषय है। 20 साल से मैनिट के फिजिक्स विभाग में पढ़ाने और रिसर्च से जुड़ी प्रो. हक़ का काम नैनोटेक्नोलॉजी पर केंद्रित है। उन्हें 'ऑप्टिकल गैस सेंसर' पर पेटेंट मिल चुका है। यही नहीं, उन्होंने अपने स्टूडेंट्स के साथ मिलकर सोयाबीन अपशिष्ट से खास रूफ पैनल भी विकसित किया है। यह पैनल वाटर-रेसिस्टेंट है और धूप-बारिश से खराब नहीं होता। सिलिकॉन, कार्बन नैनो और पॉलिमर से बने इस पैनल की खपरैल जैसी बनावट ग्रामीण-शहरी दोनों इलाकों में उपयोगी हो सकती है।
प्रो. हक़ नैनोटेक्नोलॉजी को' जादुई मटेरियल' मानती हैं। उनका कहना है कि जब सोना, चांदी या तांबे जैसे तत्व नैनोस्तर पर आते हैं तो उनकी खूबियां बिल्कुल बदल जाती हैं। इसी रहस्य को समझकर वे समाज और उद्योग के लिए नए समाधान तलाश रही हैं। फिलहाल उनकी पीएचडी स्कॉलर्स की टीम यूवी रेडिएशन ब्लॉकिंग तकनीक पर काम कर रही है, जिसके पेटेंट की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अपने रिसर्च और इनोवेशन के जरिए प्रो. फौजिया यह साबित कर रही हैं कि भोपाल से भी विज्ञान की दुनिया में वैश्विक पहचान बनाई जा सकती है।
सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर
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