भारतीय महिला क्रिकेट में मध्यप्रदेश की महिला क्रिकेटरों ने जूनियर और सीनियर टीमों में शानदार प्रदर्शन कर अपनी राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय पहचान बनाई है। सौम्या तिवारी, क्रांति गौड़, शुचि उपाध्याय और संस्कृति गुप्ता जैसी खिलाड़ियों ने न केवल घरेलू क्रिकेट में बल्कि WPL (महिला प्रीमियर लीग) में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे वे राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में सफल रही हैं। चकाचौंध से दूर प्रदेश की बेटियां भारतीय जूनियर और सीनियर महिला टीमों में नियमित स्थान बना रही हैं। यह हैरानी की बात है कि प्रदेश के किसी भी पुरुष क्रिकेटर के पांस विश्वकप जीतने का सम्मान नहीं है, लेकिन प्रदेश की कई बेटियां यह गौरव हासिल कर चुकी हैं।
• सौम्या तिवारी
भोपाल की सौम्या तिवारी भारत के लिए अंडर-19 विश्वकप विजेता टीम की सदस्य रहीं हैं। वर्ष 2023 में पहले जूनियर महिला विश्वकप के फाइनल में सौम्या ने ही भारत के लिए विजयी रन बनाया था। सौम्या को हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। ये भारतीय टीम के कैंप में भी शामिल रही हैं और अपने शानदार प्रदर्शन से लगतार भारतीय टीम में प्रवेश के लिए दरवाजा खटखटा रही हैं।
• क्रांति गौड़
इस वर्ष मैदान में सनसनी फैलाने वाली मप्र की तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने इंग्लैंड में भारतीय टीम को सीरीज जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छतरपुर के करीब अनजान से गांव घुवारा की रहने वाली क्रांति अंतिम वनडे मैच में छह विकेट लेकर वुमन आफ द मैच बनी थीं। जब वे इंग्लैंड में महिला टीम को जिता रही थीं, तभी भारतीय पुरुष टीम इंग्लैंड में संघर्ष करती नजर आ रही थी।
• शुचि उपाध्याय
मध्यप्रदेश की ही शुचि उपाध्याय ने भी इसी साल भारतीय महिला टीम में पदार्पण किया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलंबो में मई 2025 को खेले गए वनडे मैच में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टी-20 टीम में भी शुचि को चुना गया था, लेकिन चोट के कारण उन्हें मौका गंवाना पड़ा। शुचि के प्रदर्शन से पिछले साल मप्र की महिला टीम ने सीनियर कनडे टूर्नामेंट का खिताब जीता था। इस टूर्नामेंट में शुचि को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया था। वे तीसरी सबसे अधिक 18 विकेट लेने वाली गेंदबाज थीं।
• पूजा वस्त्रकार
मप्र की तेज गेंदबाज पूजा वस्त्रकार भारतीय सीनियर महिला टीम की नियमित सदस्य हैं। फिलहाल वे चोट से उबर रही हैं। इसके चलते वे डब्ल्यूपीएल में मुंबई इंडियंस का प्रतिनिधित्व भी नहीं कर सकी थीं। पूजा की उपयोगिता को मुंबई इंडियंस की मुख्य कोच चालॉट एडवर्ड्स ने डब्ल्यूपीएल से पहले दिए बयान से समझा जा सकता है, जब उन्होंने कहा था कि पूजा हमारी 'बड़ी खिलाड़ी’ है, उनकी अनुपस्थिति से खाली हुए स्थान को भरना आसान नहीं है। पूजा भारत के लिए पांच टेस्ट मैच खेल चुकी हैं। इसके अलावा 33 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच और 72 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में भी वे भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
• संस्कृति गुप्ता
शहडोल की संस्कृति गुप्ता ने शहडोल क्रिकेट एकेडमी के कोच सोनू रॉबिंसन के मार्गदर्शन में क्रिकेट खेलना सीखा और मध्य प्रदेश टीम तक का सफर तय किया। 2 साल पहले, वह खेल युवा कल्याण विभाग की क्रिकेट अकादमी शिवपुरी के लिए चुनी गईं और फिर शिवपुरी क्रिकेट अकादमी में चली गईं। वहां रहते हुए, उन्होंने मध्य प्रदेश की टीम में लगातार खेला। संस्कृति को मुंबई इंडियंस ने WPL 2024 के लिए चुना गया। वह एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर हैं, जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अच्छा प्रदर्शन करती हैं। संस्कृति गुप्ता वर्तमान में मध्य प्रदेश महिला क्रिकेट टीम की सीनियर टीम से खेलती हैं।
• आयुषी शुक्ला/वैष्णवी शर्मा
इंदौर की आयुषी शुक्ला और ग्वालियर को वैष्णवी शर्मा भी अपने खेल कौशल से भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुई हैं। दोनों को अंडर-19 महिला टी-20 विश्वकप टीम में चुना गया और इनके प्रदर्शन से भारतीय टीम चैंपियन भी बनी। विश्वकप के लिए भारतीय टीम में इंदौर की अनादि तागड़े भी स्टैंडबाय खिलाड़ी के रूप में चुनी गई थीं।
18 साल की इंदौर की आलराउंडर आयुषी भारत के लिए 10 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं। इस दौरान बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में उन्होंने मैदान पर अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। ग्वालियर की वैष्णवी भारत के लिए सात अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं।
सन्दर्भ स्रोत : नवदुनिया
सम्पादन : मीडियाटिक डेस्क
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