छाया : फैब होटल्स की साइट से साभार
यदि आप ग्वालियर चंबल अंचल के ऐतिहासिक स्मारकों को देखने के लिए आना चाह रही हैं तो डरने की ज़रूरत नहीं है। यहां आने के बाद एकल महिला पर्यटकों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आयेगी, क्योंकि उन्हें मिलेगा पर्यटन सखियों का साथ, जिन्हें शहर आने वाले देशी-विदेशी महिला सैलानियों को गाइड और सुरक्षा देने का प्रशिक्षण दिया गया है। यही नहीं, वे सैलानियों को स्थानीय संस्कृति और खान-पान के बारे में भी जानकारी देंगी। इसके लिए मप्र पर्यटन मंडल ने स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया है। इनमें मुख्य रूप से भारतीय होटल प्रबंधन संस्थान,भारतीय पर्यटन प्रबंधन संस्थान और केआरजी कॉलेज की छात्राएं शामिल हैं पहले चरण में बोर्ड ने 4 सौ से अधिक छात्राओं को प्रशिक्षण दिया है। खास बात यह है कि छात्रों को इस काम के लिये भुगतान भी किया जायेगा। ये छात्राएं पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग करेंगी। जो भी महिला पर्यटक अकेले या सपरिवार इस अंचल के भ्रमण के लिए आएगी, यह पर्यटन सखियाँ उनसे डायरी में फीडबैक भी लिखवाएंगी। पर्यटकों से मिले फीडबैक के आधार पर छात्राएं काम करेंगी।
रागिनी फाउंडेशन के समन्वयक सनाउल्लाह खान ने बताया कि शुरुआती चरण में ग्वालियर, मितावली और पड़ावली के लिए पर्यटन सखियां तैयार की गई है। छात्राओं को महिला सशक्तिकरण, सिटी गाइड, हाउसकीपिंग, फ्रंट ऑफिस वर्कर और पर्यटन से संबंधित गतिविधियों का प्रशिक्षण लगातार दिया जा रहा है। छात्राओं को अलग-अलग क्षेत्रों में काम भी मिला है। इनकी तनख्वाह 10 हजार रुपए से शुरू होती है। इन्हें काम दिलाने के लिए स्थानीय प्रतिष्ठानों से संपर्क किया जा रहा है। हम उनके साथ मिलकर छात्राओं का इंटरव्यू कराते हैं। उसके बाद इन्हें पर्यटन के क्षेत्र में ही भर्ती कर दिया जा रहा है। वर्तमान में हजीरा क्षेत्र में 30 छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पर्यटन सखियों के नंबर होटलों और होमस्टे में दे दिये गये हैं। जब भी कोई महिला पर्यटक अकेले या सपरिवार शहर में घूमने के लिए आये , तो वह उन संपर्क नंबरों पर फोन कर उन्हें बुला सकते हैं। पर्यटन सखी उन्हें टैक्सी में लाने ले जाने, सही जगह ठहराने और उनके गाइड के रूप में काम करेंगी।
संदर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर
संपादन : मीडियाटिक डेस्क
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