तेलंगाना हाईकोर्ट ने बेटियों के हक में अहम फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बेटी की अगर वित्तीय स्थिति ठीक है, तब भी वह अपने पिता की संपत्ति की हकदार होगी। अपने माता-पिता की संपत्ति के बंटवारे के संबंध में अपनी बहन के पक्ष में जिला अदालत के फैसले के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एमजी प्रियदर्शिनी ने ये टिप्पणी की।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने हाल ही में माना कि एक बेटी को अपने पिता की अर्जित संपत्तियों में अपना हिस्सा मांगने के अधिकार से केवल उसकी अच्छी वित्तीय स्थिति के कारण इनकार नहीं किया जा सकता है। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की अपील को खारिज करते हुए किया है।
अपीलकर्ता है भाई
दरअसल अपीलकर्ता भाई ने कोर्ट में वसीयत जमा करते हुए यह कहा कि मेरी बहन की वित्तीय स्थिति अच्छी है, इसलिए वह पिता की अर्जित संपत्ति की हकदार नहीं है। इसपर अदालत ने कहा कि केवल इसलिए कि बहन की वित्तीय स्थिति अच्छी है, उसके पिता की अर्जित संपत्तियों में हिस्सेदारी मांगने के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कथित दहेज संपत्ति में हिस्सा नहीं माना जाएगा
कोर्ट ने ये भी साफ किया कि बहन को दिया गया दहेज भुगतान का हिस्सा नहीं माना जा सकता। भाई की तरफ से दहेज को उसकी संपत्ति का हिस्सा बताया गया था। कोर्ट ने कहा कि यदि बहन को उसकी शादी के समय ही पारिवारिक संपत्तियों में उसका हिस्सा आवंटित कर दिया गया था। अदालत ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि अपीलकर्ता की बहन का इरादा केवल अलिखित विभाजन का लाभ उठाकर अपने भाई के स्वामित्व वाली संपत्तियों का दावा करना था।
संदर्भ स्रोत : इंडिया डेली
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