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देश की नाबालिग लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप में रह सकती हैं या नहीं यह एक बड़ा सवाल है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि, केवल बालिग जोड़े ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्ती से फैसला सुनाते हुए कहा है कि नाबालिग को लिव इन में रहने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमें किसके साथ रहना है और किसको अपने साथी के रुप में चुनना है, यह एक बहुत बड़ा फैसला है। इसको काफी सोच समझ और विचार करने के बाद ही लेना चाहिए।
दरअसल, अलीगढ़ के गांधी पार्क थाने में नाबालिग की मां ने उसके प्रेमी के खिलाफ याचिका प्राथमिकी दर्ज कराई थी। नाबालिग की मां ने लड़के पर उनकी बेटी को भगा कर ले जाने का आरोप लगाया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नाबालिग और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर उसे नारी निकेतन भेजा वहीं उसके प्रेमी मनीष को जेल जाना पड़ा। जोकि बाद में जमानत पर छूटा। जिसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि दोनों ने अपनी इच्छा से शादी की है और पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं। वहीं इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बीके बिरला और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने अलीगढ़ की शिवानी और मनीष प्रताप सिंह की याचिका को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने कहा कि अपने भविष्य के लिए बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेने की क्षमता रखने वाली नाबालिग लड़की की अभिरक्षा का निर्णय लेते समय उसके हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। कोर्ट ने परिवार वालों की इच्छा के विरुद्ध अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने वाली नाबालिग लड़की की अभिरक्षा उसके पति को सौंपने की मांग में दाखिल याचिका स्वीकार कर ली है। वहीं कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि केवल बालिग जोड़े ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं।
सन्दर्भ स्रोत: न्यूज़ नेशन
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