ग्वालियर  हाईकोर्ट : पत्नी को ससुराल की

blog-img

ग्वालियर  हाईकोर्ट : पत्नी को ससुराल की
तरह सुख उपभोग करने का अधिकार

ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पत्नी को मिलने वाली भरण पोषण राशि को कम करने से इनकार करते हुए अपने आदेश में उप्र पुलिस में पदस्थ पति को हर माह 14 हजार रुपए अपनी पत्नी को देने के लिए कहा है। पति ने इस आदेश के खिलाफ क्रिमिनल रिवीजन पेश की थी।  कोर्ट ने कहा कि मासिक आय, मूल्य सूचकांक और दैनिक जरूरत के सामान की कीमतों के साथ-साथ पत्नी को  उसकी स्थिति का आनंद लेने का अधिकार है, जो उसे विवाह के बाद ससुराल में मिलती है। यह नहीं कहा जा सकता है कि पत्नी को मिलने वाला मासिक भरण पोषण अधिक है। दरअसल, ग्वालियर कुटुंब न्यायालय ने भरण पोषण के आवेदन पर पत्नी को 14 हजार रुपए की राशि दिए जाने का आदेश दिया था।

पति की सालाना आय 13.64 लाख रुपए कुटुंब न्यायालय के आदेश के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की। तर्क दिया कि सालाना आय 13.64 लाख रुपए है। इसमें महीने की 25 हजार 684 रुपए की ईएमआइ कट जाती है। पत्नी को हर माह 14 हजार रुपए भरण पोषण दिया जा रहा है, जिससे उसकी स्थिति बिगड़ गई है। पत्नी को ससुराल में वापस बुलाने के लिए केस दायर किया था। पक्ष में फैसला होने के बाद भी पत्नी नहीं लौटी है। पत्नी की ओर से याचिका विरोध किया गया। कोर्ट ने पति की याचिका खारिज कर दी।

संदर्भ स्रोत : पत्रिका

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट : शादीशुदा से संबंध रखने वाली पढ़ी-लिखी
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : शादीशुदा से संबंध रखने वाली पढ़ी-लिखी , महिला नहीं कर सकती शोषण का दावा

हाईकोर्ट ने कहा - शिक्षित महिला अगर मर्जी से शादीशुदा पुरुष से संबंध रखती है तो फैसले के लिए खुद जिम्मेदार

पटना हाईकोर्ट  : तलाकशुदा महिला अपने
अदालती फैसले

पटना हाईकोर्ट  : तलाकशुदा महिला अपने , दूसरे पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार

आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पत्नी से आवेदक की जान-पहचान एक वैवाहिक साइट पर हुई थी और उनका विवाह हो गया।

कर्नाटक हाईकोर्ट : महिला पर भी दर्ज
अदालती फैसले

कर्नाटक हाईकोर्ट : महिला पर भी दर्ज , हो सकता है पॉक्सो एक्ट के तहत केस

पीड़ित की मां उसे पड़ोसी महिला के घर पर भेजती थी, ताकि वह इंस्टाग्राम पर उसकी पेंटिंग्स पोस्ट करने में मदद कर सके। खबर ह...

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : दहेज विरोधी कानून महिलाओं
अदालती फैसले

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट : दहेज विरोधी कानून महिलाओं , को क्रूरता से बचाने के लिए, प्रतिशोध के लिए नहीं

शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी की शादी एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए हुई थी, जिसमें पति उस समय आस्ट्रेलिया में रह रहा...

राजस्थान हाईकोर्ट : जमानती अपराध में
अदालती फैसले

राजस्थान हाईकोर्ट : जमानती अपराध में , महिलाओं को 43 दिन जेल में रहना खेदजनक

अदालत ने याचिकाकर्ताओं को भी कहा है कि यदि उन्हें लगता है कि प्रकरण में उनके मौलिक अधिकारों की अवहेलना हुई है, तो वह कान...

इलाहाबाद हाईकोर्ट : हिंदू विवाह केवल
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : हिंदू विवाह केवल , रजिस्टर्ड न होने से अमान्य नहीं हो जाता

जस्टिस मनीष निगम ने अपने फैसले में कहा, 'हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत जब शादी विधिवत तरीके से होती है, तो उसका रजिस्ट्रे...