बैतूल जिले का छोटा सा टेमनी गांव आज पूरे राज्य में फुटबॉल की नई नर्सरी बनकर उभर रहा है। संसाधनों की कमी के बावजूद भी यहां की आदिवासी बालिकाओं ने अपनी लगन और जुनून से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर धमक बनाई है। जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर बसे छोटे से इस गांव की पहचान अब सिर्फ एक गांव तक सीमित नहीं रही। यह गांव राज्य में ‘फुटबॉल की नर्सरी’ के रूप में जाना जा रहा है।
यहां के बच्चे खासकर आदिवासी बालिकाएं अपने संघर्ष और जुनून के दम पर मैदान में बड़ा नाम कमा रही हैं। जुनून ऐसा कि न मैदान, न जूते फिर भी प्रदेश का नाम रोशन करने का जज्बा लिए गाँव की बेटियों ने ऐसी मिसाल पेश की है जिसे सुनकर हर कोई दंग रह जाए।
बता दें कि गांव के ही राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी कृष्णकांत उइके ने पांच साल पहले 2020 से बच्चों को फुटबॉल का नि:शुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया था। पहले सिर्फ लड़कों ने रुचि दिखाई। धीरे-धीरे आदिवासी बच्चियां आगे आईं। महज दो साल में अधिकांश बालिकाएं फुटबॉल खेलने लगीं। अभी 80 से अधिक बालक- बालिकाएं फुटबॉल खेल रही हैं।
पिंकी लेफ्ट बैक, खुशी स्ट्राइकर
पिंकी उइके, हर्षल भलावीव खुशी परते राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल में प्रदेश का मान बढ़ा रही है। जूनियर टीम में चयन के बाद तीनों नागालैंड में जूनियर गर्ल्स नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप में मप्र का प्रतिनिधित्व कर रही है। पिंकी व हर्षल के माता-पिता मजदूर है तो खुशी के माता-पिता नहीं है। वह नानी नानी के साथ रहती है। लेकिन कुछ करने की ललक में बेटियों ने नजीर बना दी है।
टेमनी निवासी कोच कृष्णकांत उइके बताया, तीनों खिलाड़ियों ने तीन साल की कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया। पिंकी लेफ्ट बैक, हर्षल राइट विंग और खुशी स्ट्राइकर के रूप में खेलती हैं। टीम हाल ही में हिमाचल के साथ मैच खेल चुकी है, आगे महाराष्ट्र व मिजोरम से मुकाबले होंगे।
जूनियर टीम में ऐसे चुनी गई
सिंगरौली में इंटर-डिस्ट्रिक्ट टूनामेंट में टेमनी और बैतूल के 7 खिलाड़ियों शारदा उइके, सृष्टि नागले, अदिति सोनी, अनन्या गुजनारे ने हिस्सा लिया। इनमें ज्यादातर के माता-पिता मजदूर हैं। टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए पिंकी, हर्षल और खुशी को मप्र जूनियर टीम में चुना गया। खुशी ने यहां 10 गोल दागकर बेस्ट प्लेयर का खिताब जीता था। इस प्रदर्शन के बाद उसका चयन नेशनल के लिए भी हुआ। वे झारखंड में मप्र का प्रतिनिधित्व करेंगी।
छोटा गाँव बना फुटबॉल का बड़ा केन्द्र
टेमनी गांव ने फुटबॉल के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। 10 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तो 40 राज्य स्तर पर तथा 100 से ज्यादा खिलाड़ी संभाग स्तर पर खेल चुकी हैं। सीनियर फुटबॉल में निकिता उइके ने नेशनल कैंप तक पहुंचकर मप्र का नाम रोशन किया। सरस्वती भलावी सब जूनियर टीम में चुनी गईं। सुब्रतो कप 2024 में 11 बेटियां स्टेट टीम से फाइनल तक पहुंचीं।
सन्दर्भ स्रोत : पत्रिका



Comments
Leave A reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *