छाया : डॉ. ललिता शर्मा के फेसबुक अकाउंट से
इंदौर। शहर की डॉ. ललिता शर्मा को हाल ही में न्यूयॉर्क में हुई ग्लोबल वुमन अवॉर्ड समिट में ‘ग्लोबल वुमन एंफ्लुएंजर अवॉर्ड’ मिला है। पूरी दुनिया में बिना किसी ग्रांट के नि:स्वार्थ भाव से काम कर रही पांच महिलाओं को यह सम्मान प्रदान किया गया है, जिसमें भारत से डॉ. ललिता शर्मा को यह सम्मान मिला है।
यह अवॉर्ड एंफ्लुएंजर एन्टरप्रेन्योर, इंस्पिरेशनल, ऑनरी और लीडरशिप पांच कैटेगरी में दिया गया। ललिता शर्मा पिछले आठ सालों से ड्रॉप आउट्स और किसी कारण शिक्षा से वंचित रहे लोगों के लिए काम कर रही है। उन्होंने अपने इस कैंपेन को टीचिंग अंडर द स्काई नाम दिया है। डॉ. ललिता शर्मा बताती हैं कि इस अवार्ड के लिए नॉमिनेशन की एंट्री उनकी एक पुरानी छात्र ने भेजी थी, जिसके बारे में मुझे पता भी नहीं था। उन्होंने बताया कि जब मेरा 36 लोगों में चयन हुआ, तब मुझे अपनी एंट्री के बारे में पता चला। इसके बाद ऑनलाइन वोटिंग के जरिये अलग-अलग लोगों का चयन किया गया है। मुझे एंफ्लुएंजर कैटेगरी में यह अवॉर्ड दिया गया है।
समाज सेवा के लिए उन्होंने सहायक प्राध्यापक की अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ उन्होंने आभा कुंज वेलफेयर सोसायटी की (ओपन स्कॉय क्लासेस) की स्थापना की. इस संस्था की निर्देशिका के रूप में बच्चों के समग्र विकास के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। इस संस्था के माध्यम से करीब 600 ऐसे निर्धन बच्चों को हर वर्ष खुले आसमान के नीचे (ओपन स्काई क्लासेस) शिक्षा दी जाती है, जो किसी कारणवश या तो स्कूल नहीं जा पाते या जिन्होंने अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी है. बच्चों को समुचित शिक्षा के साथ ही नैतिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है साथ ही विकास कौशल का प्रशिक्षण भी दिया जाता है, ताकि उन्हें शिक्षा के बाद रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। कई निर्धन बच्चे आई.आई.टी., डॉक्टर, लॉ आदि क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा प्राप्त करने के बाद अनेक बच्चे आज उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं।
संदर्भ स्रोत : डॉ. ललिता शर्मा के फेसबुक अकाउंट से
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