छाया : दिव्यांशी द्विवेदी के फेसबुक अकाउंट से
इंदौर। शहर की दिव्यांशी द्विवेदी प्रदेश की पहली ऐसी वकील हैं जो अमेरिका की किसी भी कोर्ट में पैरवी कर सकती हैं। वह अमेरिका में अटॉर्नी बनने वाली वह संभवतः पहली वकील बन गई हैं। अमेरिका में काउंसिल बनने की प्रक्रिया बेहद कठिन है। दो लिखित परीक्षा पास करने का बाद अमेरिका की अपर कोर्ट के वरिष्ठ जजों ने इंटरव्यू लिए। इसके बाद एप्टिट्यूड टेस्ट पास ‘ए’ इंटरव्यू सहित पांच तरह की परीक्षा में सफल रहने के बाद उन्हें अमेरिका में पैरवी करने की अनुमति मिली। दिव्यांशी न्यूयॉर्क में रहकर अमेरिकियों के मामलों की पैरवी अदालतों में कर रही हैं।
दिव्यांशी ने इंदौर से एलएलबी करने के बाद बेंगलुरु स्थित जिंदल लॉ कॉलेज से साइबर लॉ का कोर्स किया। फिर न्यूयॉर्क जाकर वहां वकालत करने की तैयारी शुरू की। दिव्यांशी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर के वरिष्ठ अभिभाषक मनोज द्विवेदी की पुत्री हैं।
लोकल से ग्लोबल लॉ तक का ज्ञान जरूरी
दिव्यांशी बताती हैं पांच तरह की परीक्षा में लोकल से ग्लोबल लॉ तक के बारे में पूछा जाता है। अमेरिका की संघीय प्रणाली से लेकर वहां की अदालतों में चल रहे प्रकरण, कानून के बारे में पूछा जाता है। लिखित परीक्षा में भी प्रश्नों का उत्तर कितनी गहराई और बारीकी से दिया, इस पर ध्यान दिया जाता है। केवल भारत की नहीं, बल्कि अन्य देशों के युवा भी अमेरिकन काउंसिल के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन गिने-चुने ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। काउंसिल बनने के बाद वहां के किसी भी राज्य, शहर में जाकर पैरवी की जा सकती है।
सन्दर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर
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